क्यूबेक सिटी: यूरोपीय संघ के अध्यक्ष डोनाल्ड टस्क ने रूस को दोबारा जी-8 में शामिल करने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इटली के नए प्रधानमंत्री जुसेप कोंटे के आग्रह को शुक्रवार को खारिज कर दिया। आठ औद्योगिक देशों के समूह जी-8 से मॉस्को को 2014 में निलंबित किए जाने के बाद यह सात देशों का समूह जी-7 बन गया है। टस्क ने यहां जी7 सम्मेलन शुरू होने से कुछ देर पहले कहा, "इसे सात ही रहने दीजिए, यह एक शुभ संख्या है।" (पीएम मोदी के न्यौते पर 2019 में भारत आएंगे चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग)
समाचार एजेंसी एफे के अनुसार, टस्क ने आशंका जताई कि यह सम्मेलन अबतक का सबसे मुश्किल सम्मेलन होगा और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय क्रम को चुनौती दे रहे हैं। ट्रंप ने इससे पहले कहा था कि रूस को जी-8 में शामिल होने की अनुमति दी जानी चाहिए। मॉस्को को 2014 में क्रीमिया पर कब्जा करने की वजह से जी-8 से निलंबित कर दिया गया था। रूसी बहुसंख्यक आबादी वाला क्षेत्र क्रीमिया 1954 में यूक्रेन का हिस्सा बना था।
ट्रंप ने जी-7 सम्मेलन के लिए प्रस्थान करने से तुरंत पहले व्हाइट हाउस में कहा, "मैं रूस का अबतक का सबसे बुरा दु:स्वप्न हूं..लेकिन ऐसा होने के बावजूद रूस को बैठक में शामिल होना चाहिए। रूस के बैठक में शामिल हुए बिना हम बैठक क्यों कर रहे हैं?" ट्रंप ने कहा, "आप चाहे इसे पसंद करे या नहीं और हो सकता है कि यह राजनीतिक रूप से सही न हो, लेकिन हमें एक दुनिया चलानी है और रूस को वार्ता की मेज पर होना चाहिए।" वहीं इटली के नए प्रधानमंत्री जुसेप कोंटे ने भी ट्रंप के प्रस्ताव का समर्थन किया। कोंटे ने ट्वीट किया, "मैं राष्ट्रपति ट्रंप से सहमत हूं। रूस को जी-8 में लौटना चाहिए। यह सभी के हित में होगा।"