वाशिंगटन: अमेरिकी विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने उत्तर कोरिया के मामले पर सरकार में मतभेदों की रिपोर्टों को खारिज करते हुए कहा है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का पूरा प्रशासन उत्तर कोरिया से पैदा होने वाले खतरे और इससे निपटने के तरीके को लेकर एकमत है। विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हीथर नोर्ट ने कल संवाददाताओं से कहा, आप में से कुछ इस पर असहमत हो सकते हैं लेकिन अमेरिका एकमत है। चाहे व्हाइट हाउस हो, विदेश मंत्रालय हो या रक्षा मंत्रालय हो, हम सब एक स्वर में बोल रहे हैं। उन्होंने कहा, वास्तव में, दुनिया एक स्वर में बात कर रही है और हमने यह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भी देखा, जहां एक सप्ताह से भी कम समय पहले प्रस्ताव पारित हुआ। (भारत-चीन सीमा विवाद के चलते चीन ने बढ़ाए सैनिक, 80 तंबू गाड़े)
अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच पिछले कुछ दिनों से तनाव बढ़ गया है। ट्रंप ने मंगलवार को कहा था कि अगर उत्तर कोरिया अमेरिका को धमकाता है तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। ट्रंप उन रिपोर्टों पर प्रतिक्रिया दे रहे थे जिसमें कहा गया था कि उत्तर कोरिया ने एक परमाणु हथियार का निर्माण किया है जो इतना छोटा है कि उसकी मिसाइलों में लगाया जा सकता है। हीथर ने कहा कि अन्य देशों के साथ अमेरिका, उत्तर कोरिया की अस्थिरता पैदा करने वाली गतिविधियों की निंदा करता है। उन्होंने कहा, वे लगातार इसमें शामिल रहे हैं, एक महीने से भी कम समय में दो आईसीबीएम का प्रक्षेपण किया गया। दुनिया इसे लेकर बहुत चिंतित है।
आईसीबीएम अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल ने उत्तर कोरिया की मिसाइलों की पहुंच अमेरिका के मुख्य भूभाग तक बढ़ा दी है। हीथर ने कहा कि उत्तर कोरिया पर अमेरिका के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय दबाव का असर हो रहा है और इसके परिणाम निकल रहे हैं जो उत्तर कोरिया पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा सर्वसम्मति से लगाए गए प्रतिबंधों के रूप में दिखता है। विदेश विभाग की प्रवक्ता ने ट्रंप की इस टिप्पणी का बचाव किया कि उत्तर कोरिया अगर अमेरिका को धमकाता है तो उसे विध्वंस का सामना करना पड़ेगा। हीथर ने कहा कि राष्ट्रपति उत्तर कोरिया को उस भाषा में कड़ा संदेश दे रहे हैं, जो वह समझाता है। नोर्ट ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय अमेरिका से सहमत है और उसके कई साझोदार तथा सहयोगी उत्तर कोरिया पर अतिरिक्त दबाव बनाने के पक्ष में हैं।