आर्थिक रूप से खस्ताहाल पाकिस्तान पर शिकंजा कसने की भारत की कोशिशों को अमेरिका का साथ मिला है। अमेरिका पाकिस्तान को दी जाने वाली सहायता की समीक्षा कर रहा है और इसे जल्द ही अंतिम रूप दिये जाने की संभावना है। ट्रम्प प्रशासन के एक शीर्ष अधिकारी ने सांसदों को यह जानकारी दी।
पिछले साल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पाकिस्तान पर अमेरिका के लिए कुछ नहीं करने, बल्कि उससे ‘‘झूठ बोलने और धोखा देने’’ और आतंकवादियों को ‘‘सुरक्षित पनाहगाह’’ मुहैया कराने का आरोप लगाया था, जिसके बाद पाकिस्तान और अमेरिका के संबंधों में काफी गिरावट आई है।
तालिबान के साथ शांति वार्ता में पाकिस्तान के महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के परिणामस्वरूप युद्धग्रस्त अफगानिस्तान से 14,000 अमेरिकी सैनिकों की अंततः वापसी हो सकती है। ट्रम्प प्रशासन इसी रोशनी में पाकिस्तान के लिए अपनी सहायता नीति की समीक्षा कर रहा है। गुरुवार को कांग्रेस की एक बैठक में यूएसएड के प्रशासक मार्क ग्रीन ने हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी के सदस्यों को बताया, ‘‘हम पाकिस्तान को दी जाने वाली अमेरिकी सहायता की समीक्षा कर रहे हैं, हमें उम्मीद है कि जल्द ही इसे अंतिम रूप दे दिया जाएगा। फिर आगे क्या होगा इसके बारे में हम आपको बताएंगे।’’
पाकिस्तान द्वारा अपनी धरती पर सक्रिय हक्कानी नेटवर्क और तालिबान जैसे आतंकवादी समूहों के खिलाफ पर्याप्त कार्रवाई न करने से नाराज ट्रम्प प्रशासन ने सितंबर में पाकिस्तान को सैन्य सहायता के रूप में दी जाने वाली 300 मिलियन अमेरिकी डॉलर की सहायता राशि को रोक दिया था। पिछले साल नवम्बर में भी ट्रम्प ने पाकिस्तान पर आतंकवाद को रोकने के लिए कुछ नहीं करने का आरोप लगाया था।