वॉशिंगटन: अमेरिका ने पाकिस्तान को एक और बड़ा झटका देते हुए उसे दी जाने वाली एक बड़ी सुरक्षा मदद को रोक दिया है। अमेरिकी प्रशासन ने पाकिस्तान के अफगान तालिबान और हक्कानी नेटवर्क जैसे आतंकवादी संगठनों पर कार्रवाई करने और अपनी सरजमीं पर उनके पनाहगाह को नेस्तनाबूद करने में नाकाम रहने पर उसे 2 अरब डॉलर (लगभग 12,600 करोड़ रुपये) की सुरक्षा मदद रोक दी है। एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निर्देश पर इस तरह का बड़ा कदम उठाया गया है क्योंकि वह आतंकी संगठनों पर पाकिस्तान की निष्क्रियता से निराश हैं।
अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान के साथ चार महीने के उच्चस्तरीय संवाद के बावजूद, ट्रंप उन्हें मिली सूचनाओं से संतुष्ट नहीं हैं और इसके परिणामस्वरूप उन्होंने पाकिस्तान को सुरक्षा मदद पर रोक लगाने का फैसला किया। हालांकि उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान आतंकवादी संगठनों और आतंकवादियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करता है तो निलंबन हटाया जा सकता है। व्हाइट हाउस के अधिकारी ने पाकिस्तान के इस आरोप पर असहमति जताई कि अमेरिका भारत की भाषा में बोल रहा है।
अधिकारी ने कहा, ‘हम नहीं मानते कि यह भारत की भाषा है। यह राष्ट्रपति और अमेरिकी प्रशासन की भाषा है। इसलिए हम इससे असहमत हैं।’ अधिकारी ने कहा कि जिस सहायता पर रोक लगाई गई है उसमें नागरिक सहायता शामिल नहीं है। यह मूलत: सुरक्षा मदद है। हालिया दिनों में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप पाकिस्तान पर बेहद खफा दिखे हैं और नए साल के पहले ही दिन उन्होंने पाकिस्तान को आड़े हाथों लिया था। ट्रंप ने 1 जनवरी को अपने ट्वीट में पाकिस्तान को झूठा और धोखेबाज करार देते हुए खूब खरी-खोटी सुनाई थी।