वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने स्कूलों में कम नमक, वसा और शक्कर वाले स्वास्थ्यवद्र्धक भोजन देने की पूर्व प्रथम महिला नागरिक मिशेल ओबामा की शुरू की गयी एक योजना पर रोक लगा दी है। कृषि विभाग ने कल एक बयान में कहा कि यह बदलाव अमेरिकी स्कूलों को व्यापक लचीलापन देगा और बच्चों को कम स्वादिष्ट भोजन को फेंकने से रोकेगा जो उन्हें इस योजना के लिए लेना जरूरी था। (अमेरिका के नए प्रतिबंधों के जवाब में उत्तर कोरिया तेज करेगा परमाणु कार्यक्रम)
अमेरिका में बच्चों में मोटापे की समस्या से लड़ने के लिए चल रही कोशिशों के बीच मिशेल की इस योजना को पुरजोर समर्थन मिला था जिसमें स्कूलों में सोडियम तथा मीठे दूध जैसे तत्वों पर रोक लगाई गयी थी। इसके तहत बच्चों को भोजन में पूरी तरह खाद्यान्न से बनी वस्तुओं पर जोर दिया गया। ट्रंप प्रशासन ने योजना को बंद करने का फैसला ऐसे समय में लिया है जब एक अध्ययन में यह बात सामने आई कि यदि अमेरिकी बच्चे ज्यादा से ज्यादा कसरत करें तो उनके पूरे जीवन में स्वास्थ्य संबंधी खर्च से हजारों करोड़ डॉलर की राशि बचाई जा सकती है।
कृषि विभाग के अनुसार पांच साल पहले स्कूलों में लागू की गई पोषाहार संबंधी अनिवार्यताओं की वजह से 1.2 अरब डॉलर की अधिक लागत लगी। विभाग के अनुसार यदि बच्चे खाना खा नहीं रहे और उसे कचरे में फैंक रहे हैं तो तो उन्हें पोषक आहार नहीं मिल रहा है और इस तरह कार्यक्रम का उद्देश्य पूरा नहीं हो रहा। ट्रंप प्रशासन ने मिशेल ओबामा और उनके पति राष्ट्रपति बराक ओबामा के एक और महत्वाकांक्षी कार्यक्रम को समाप्त कर दिया है। इस बारे में एक आंतरिक ईमेल के हवाले से सीएनएन ने खबर दी है कि 2015 में विकासशील देशों में किशोरियों को शिक्षा के अवसर देने के लिए शुरू की गयी लेट गल्र्स लर्न योजना को तत्काल समाप्त कर दिया गया है।