वाशिंगटन: भारतीय अमेरिकी सांसदों ने कहा है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पहले ‘स्टेट ऑफ यूनियन’ संबोधन में कुछ सकारात्मक बातें कहीं और उनका लहजा अच्छा था, लेकिन उनका शासन उनकी बातों के अनुरूप नहीं रहा। ट्रंप ने 80 मिनट के अपने संबोधन में आव्रजन योजना के बारे में बताया और योग्यता आधारित आव्रजन प्रणाली के लिए कांग्रेस का समर्थन मांगा। यह एक ऐसा प्रस्ताव है जिससे भारत जैसे देशों के तकनीकी पेशेवरों को लाभ हो सकता है। ट्रंप ने चेताया कि चीन और रूस जैसे ‘‘प्रतिद्वंद्वी’’ अमेरिकी हितों, अर्थव्यवस्था और मूल्यों को चुनौती दे रहे हैं। डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता और कांग्रेस के सदस्य राजा कृष्णमूर्ति ने ‘पीटीआई भाषा’ से कहा कि ट्रंप ने अपने संबोधन में नायकों के बारे में कुछ बातें कहीं और अच्छी कहानियां सुनाईं। ‘‘मुझे लगता है कि सभी को इन लोगों के बारे में सुनकर अच्छा लगा लेकिन उनका संबोधन वास्तविकता से दूर था।’’ (म्यांमार: सू ची के झील किनारे स्थित विला पर पेट्रोल बस फेंका गया )
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि उनका लहजा अच्छा था लेकिन उनका शासन ऐसा नहीं रहा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यदि उन्होंने राष्ट्रपति के रूप में अपने कार्यकाल में बुनियादी ढांचागत सुविधाओं, कार्यबल विकास में निवेश और करियर एवं तकनीकी शिक्षा पर ध्यान केंद्रित किया होता तो आज हम एक अलग राजनीतिक माहौल में रह रहे होते।’’ कांग्रेस के भारतीय अमेरिकी सदस्य रो खन्ना ने कहा, ‘‘अमेरिका आगामी वर्ष में वास्तविक, प्रभावशाली नेतृत्व का हकदार है जो आर्थिक समृद्धि एवं सभी की समानता को समर्थन दे। इसके बजाए, आज रात केवल उन टूटे वादों के आधार पर एक और भाषण दिया गया जो हम पहले भी सुन चुके हैं। हमारे देश के कल्याण के लिए कार्य एवं योजना की आवश्यकता है।’’
इस बीच, ‘स्टेट ऑफ यूनियन’ संबोधन का बहिष्कार करने वाली कांग्रेस की भारतीय अमेरिकी सदस्य प्रमिला जयपाल ने ट्रंप के कथित विभाजनकारी बयानों के लिए उनकी निंदा की और कहा, ‘‘ट्रंप ने राष्ट्रपति के रूप में अपने कार्यकाल में विभाजन के बीज बोए हैं। उन्होंने अपने संबोधन में भले ही एकता की अपील की लेकिन उन्होंने अगले ही पल उन्हीं विभाजनकारी बातों का प्रचार किया जो पड़ोसी को पड़ोसी, भाई को भाई और बहन को बहन के खिलाफ खड़ा करती हैं।’’