न्यूयॉर्क: संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की दूत निक्की हेली ने कहा है कि धर्म के आधार पर यात्रा प्रतिबंध नहीं लगना चाहिए लेकिन उन्होंने मुस्लिम बहुल छह देशों के नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने के ट्रंप के शासकीय आदेश का बचाव करते हुए कहा कि ऐसा देश को सुरक्षित रखने के लिए किया गया है। निक्की ने कहा कि कानूनी आव्रजन अमेरिका का ताना बाना है।
काउंसिक ऑन फोरेन रिलेशंस थिंक टैंक में अपने भाषण के बाद एक सवाल के जवाब में निक्की ने कहा, मैं भारतीय प्रवासी की बेटी हूं, जिन्होंने मेरे भाइयों, मेरी बहन और मुझे हर दिन यह याद दिलाया कि हम भाग्यशाली हैं कि हम इस देश में रह रहे हैं।
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निक्की ने कहा कि कभी धर्म के आधार पर प्रतिबंध नहीं लगाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि यह यात्रा प्रतिबंध इस आधार पर लगाया गया है। क्योंकि यदि इस आधार पर प्रतिबंध लगाया गया होता तो दर्जनों अन्य मुस्लिम बहुल देश हैं जो ट्रंप के शासकीय आदेश की सूची में शामिल होते लेकिन ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा कि ट्रंप के यात्रा प्रतिबंध का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि अमेरिका में कोई खतरा नहीं आए।
निक्की ने कहा, यह इस बारे में नहीं है कि हम लोगों को अंदर नहीं आने देना चाहते। यह इस बारे में है कि आतंकवादियों को बाहर रखा जा सके। हेली ने प्रतिबंध को उचित ठहराते हुए हाल ही में लंदन में हुए आतंकवादी हमले का हवाला दिया। उन्होंने कहा, जब आप लंदन में जो हुआ, उसे देखते हैं तब सिर्फ राष्ट्रपति ही नहीं बल्कि सभी यहसुनिश्चित करने की कोशिश करते हैं कि हम अपने लोगों को सुरक्षित रखें। ब्रिटेन में संसद के बाहर हुए हमले का षडयंत्र रचने वाले की पहचान खालिद मसूद के रूप में हुई है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक वह प्रवासी नहीं था और उसका जन्म इंग्लैंड की केंट काउंटी में हुआ था।