वाशिंगटन: अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने यूरोप के अपने दौरे से पहले आज रूस पर ‘‘दुर्भावनापूर्ण रणनीति’’ का इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए उसकी आलोचना की और कहा कि इसका मकसद ना केवल अमेरिका का आत्मविश्वास कम करना बल्कि उसकी राजनीतिक एवं आर्थिक सफलताओं को कमतर करना भी है। ट्रम्प के ‘अमेरिका फर्स्ट’ की विदेश नीति के तहत यूरोप के साथ अमेरिका के संबंधों को लेकर एक प्रमुख विदेश नीति भाषण में टिलरसन ने घोषणा की कि रूस पर लगे प्रतिबंध तब तक बने रहेंगे जब तक वह यूक्रेन में शांति बहाल करने में मदद नहीं करता। टिलरसन ने अपने भाषण में रूस को यूरोप और अमेरिका के सामने मौजूद ‘‘प्रमुख चुनौतियों’’ में से एक बताया। (ट्रंप ने उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षण पर कहा, इस स्थिति को हम संभाल लेंगे)
उन्होंने कहा कि यूरोप और अमेरिका रूस के साथ सामान्य संबंध चाहते हैं। विदेश मंत्री ने हालांकि कहा कि रूस ने दिखाया है कि वह सोवियत काल के बाद वैश्विक ताकत का नये सिरे से संतुलन चाहता है। रूस अपने परमाणु हथियारों के जखीरे के जरिये दूसरों पर अपनी इच्छाएं थोपना चाहता है। उन्होंने आरोप लगाया कि रूस बल के जरिये या अपने खुद के नागरिकों की उपेक्षा करने वाली दूसरी सरकारों के साथ भागीदारी कर ऐसा करता है। उसके भागीदारों में सीरिया के बशर अल असद शामिल हैं जो अपने खुद के नागरिकों पर रासायनिक हथियारों का लगातार इस्तेमाल कर रहे हैं।
टिलरसन ने कहा कि सोवियत संघ के विघटन के बाद रूसी समाज में उदारता आयी थी और उन व्यवसाय अवसरों का सृजन हुआ था जिससे रूसी, यूरोपीय और अमेरिकी लोगों को फायदा पहुंचा। विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘लेकिन रूस, अमेरिका और यूरोप में दूरी बढ़ाने, हमारे आत्मविश्वास को कमजोर करने और शीत युद्ध के अंत से हमने साथ मिलकर जो आर्थिक सफलताएं हासिल की हैं उन्हें कमतर करने के लिए अक्सर दुर्भावनापूर्ण रणनीति का इस्तेमाल करता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जिम्मेदार देश ऊर्जा आपूर्तियों के साथ राजनीति करने, साइबर हमला करने एवं निष्पक्ष चुनाव को कमतर करने के लिए दुष्प्रचार करने और राजनयिकों का लगातार शोषण करने एवं डराने जैसे काम नहीं करते।’’