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निर्वासित तिब्बत सरकार प्रमुख का बड़ा बयान, कहा- चीन अपने तमाम पड़ोसियों को प्रभावित करने की कोशिश कर रहा है

निर्वासन में तिब्बत सरकार के प्रमुख लोबसांग संगाय ने कहा है कि तिब्बत भारत के लिए मुख्य मुद्दों में से एक होना चाहिए क्योंकि चीन अपने तमाम पड़ोसियों को ‘‘प्रभावित’’ करने की कोशिश कर रहा है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: November 16, 2018 19:42 IST
China- India TV Hindi
China

वाशिंगटन: निर्वासन में तिब्बत सरकार के प्रमुख लोबसांग संगाय ने कहा है कि तिब्बत भारत के लिए मुख्य मुद्दों में से एक होना चाहिए क्योंकि चीन अपने तमाम पड़ोसियों को ‘‘प्रभावित’’ करने की कोशिश कर रहा है। चीन का कहना है कि सदियों से तिब्बत उसकी सरजमीन का एक हिस्सा है, लेकिन अनेक तिब्बती कहते हैं कि ज्यादातर समय तिब्बत अनिवार्यत: आजाद रहा है। दलाई लामा चीनी शासन के खिलाफ तिब्बत में विफल विद्रोह के बाद 1959 में भाग कर भारत चले आए।

अमेरिका की यात्रा पर आए सांगेय ने यहां अमेरिकी सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों, सांसदों और हडसन इंस्टीट्यूट सरीखे थिंक-टैंक समुदाय से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि वे (चीन) अब पाकिस्तान से ले कर श्रीलंका, बांग्लादेश और नेपाल तक भारत के सभी पड़ोसियों को प्रभावित कर रहे हैं। अब यह यथार्थ है। सांगेय ने कहा कि भारत और तिब्बत के बीच सैकड़ों साल से ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और सभ्यतात्मक रिश्ते रहे हें। तिब्बत भारत और दक्षिण एशिया के लिए पानी का स्रोत रहा है। निर्वासित तिब्बती सरकार के 

प्रमुख ने कहा, ‘‘इन ही कारणों से तिब्बत न सिर्फ भारत के लिए, बल्कि समूचे दक्षिण एशिया और आसियान देशों के लिए बहुत अहम है। तिब्बत भारत के लिए कोर मुद्दों में से एक होना चाहिए।’’ एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि तिब्बत के लोग ‘‘चीनी संविधान के खाके के अंदर वास्तविक स्वायत्तता मांग’’कर मध्य मार्ग अपना रहे हैं। उन्होंने कहा कि दलाई लामा और चीनी सरकार के दूतों के बीच संवाद होना चाहिए। उन्होंने 2002 से ले कर 2010 तक हुई वार्ता बहाल करने का आग्रह किया।

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