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गजब जुनून: सांपों के जहर का शौकीन है यह आदमी, करता है यह काम

वाशिंगटन: दुनिया में बहुत से लोग ऐसे होते है जिन्हें खतरों से खेलने का शौक होता है। आमतौर पर हम सभी को सांपों से बहुत डर लगता है लेकिन दुनिया में एक ऐसा इंसान भी

India TV News Desk
Published on: March 22, 2017 17:48 IST
steve ludwin- India TV Hindi
steve ludwin

वाशिंगटन: दुनिया में बहुत से लोग ऐसे होते है जिन्हें खतरों से खेलने का शौक होता है। आमतौर पर हम सभी को सांपों से बहुत डर लगता है लेकिन दुनिया में एक ऐसा इंसान भी है जो सांपों के साथ खेलता है और इस इंसान को सांपों से जरा सा भी डर नहीं लगता। आज हम आपको एक ऐसे इंसान के बारे में बताने जा रहे हैं, जो अपने शरीर में सांपों का जहर इंजेक्ट किया करता था। स्टीव लुडविन नाम के इस व्यक्ति ने बताया कि "मैंने पूरी ज़िंदगी साँपों के बारे में पढ़ाई की है। जब मैं छह साल का था तब मैंने साँप पाला था।" स्टीव ने बताया कि "मैं बचपन में मियामी गया था जहाँ मैने बिल हास्ट को देखा, वो साँप का ज़हर अपने शरीर में इंजेक्ट किया करते थे। हास्ट मानते थे कि ज़हर से शरीर को फ़ायदा होता है। मुझे ये विचार पसंद आया। 17 साल की उम्र में मैंने भी वही किया।"

steve ludwin

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स्टीव पिछले 30 सालों से शहर में सांप का जहर इंजेक्ट कर रहे हैं। स्टीव के पास कई सांप हैं जिनका वह जहर निकालते हैं। उन्होंने कहा कि यह काफी दर्दनाक प्रक्रिया है लेकिन इससे सांपों को कोई नुकसान नहीं पहुंचता। सांपों के इस जहर को इंजेक्ट करते ही यह रेड बल्ड सेल में मिलकर उसे नष्ट कर देता है। इससे शरीर के अंगों को काफी नुकसान पहुंचता है। इंजेक्शन को शरीर में लगाने से पहले स्टीव सांप के जहर को अपनी त्वचा में रखते हैं और फिर सुई से उसे शरीर के अंदर डालते हैं। टीवी शो में आए एक डॉक्टर गेब्रिइल वेस्टन के मुताबिक स्टीव खुशकिस्मत हैं कि वो ज़िंदा हैं।

डॉक्टर गेब्रिइल वेस्टन बताते हैं, "जैसे दवाइयाँ हमारे शरीर पर काम करती हैं ये कुछ वैसा ही है। दवाइयाँ हमारे शरीर में कम स्तर पर टॉक्सिन जमा करती हैं। ये मात्रा इतनी ज़्यादा नहीं होती कि शरीर को नुकसान पहुँचाए ताकि हमारा शरीर एंटीबॉडी के ज़रिए इनसे लड़ना सीख ले। एंटीबॉडी टॉक्सिन या वायरस से लड़ती हैं।" स्टीव ने शुरु में ज़हर का छोटा डोज़ लेना शुरु किया था। उसके शरीर ने अलग अलग तरह के ज़हरों को पहचानना सीख लिया और इसके जवाब में अलग-अलग एंडीबॉडी बनाने लगा। शुरूआत में स्टीव ने सांप के जहर का छोटा सा डो़ज़ लिया था। धीरे-धारे स्टाव की बॉडी ने अलग-एलग सांपों के जहर को पहचानना सीख लिया, जिससे स्टीव अलग-अलग एंडीबॉडी बनाने लगे।

steve ludwin
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डॉक्टर वेस्टन कहते हैं कि ये दवा घोड़े के खून से लिए गए एंटीबॉडी से बनती है इसलिए मनुष्यों में इस्तेमाल के अपने ख़तरे हैं। इसलिए वैज्ञानिक मनुष्यों के ख़ून से बनी एंटीबॉडी बनाने चाहते हैं जिसमें स्टीव का ख़ून काम आ रहा है। स्टीव कहते हैं, "अब मैं ख़ुशी ख़ुशी मर सकता हूँ कि मैं मैने कुछ सकारात्मक किया।"

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