सिक्किम में भारत और डोकलाम के बीच काफी समय से चल रही तनातनी को देखते हुए अंतर्राष्ट्रीय राजनीती को करीब से जानने वाले विशेषज्ञों ने अपनी राय जाहिर करते हुए कहा है अगर भारत और चीन के बीच युद्ध की स्थिति उत्पन्न होती है तो अमेरिका भारत के समर्थन में आगे आ सकता है। वॉशिंगटन स्थित सेंटर फॉर स्ट्रैटिजिक ऐंड इंटरनैशनल स्टडीज के सीनियर फेलो जैक कूपर ने कहा कि, 'मुझे नहीं लगता कि अमेरिका, भारत और चीन के बीच चल रहे बॉर्डर विवाद में दखल देने की कोशिश करेगा, लेकिन मुझे यह जरूर लगता है कि चीन और भारत के बीच बढ़ती प्रतिस्पर्धा के चलते अमेरिका के साथ भारत के सुरक्षा संबंध और मजबूत होंगे।' (2040 तक इस देश में बंद हो जाएंगी पेट्रोल और डीजल से चलने वाली कारें)
कपूर के अनुसार चीन की बढ़ती ताकत के खिलाफ भारत का समर्थन करके अमेरिका एक संतुलन स्थापित करने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका इन दोनों की देशों के बीच में एक अहम भूमिका अदा कर सकता है। उन्होंने आगे बताते हुए कहा कि, 'चीन अगर भारत के खिलाफ अपने दावों पर कायम रहता है, तो एक तरह से वह चीन-विरोधी गठबंधन के बनने का रास्ता साफ करेगा। ऐसे में मुझे लगता है कि चीन समझदारी दिखाते हुए मौजूदा संकट को खत्म करने की दिशा में काम करेगा और किसी भी हिंसक रास्ते से बचना चाहेगा।'
होनोलूलू में एशिया-पसिफिक सेंटर फॉर सिक्यॉरिटी के प्रफेसर मोहन मलिक ने कहा, 'अगर मौजूदा विवाद युद्ध में तब्दील होता है, तो अमेरिका भारत की सेना को खुफिया सूचना से लेकर लॉजिस्टिकल सपॉर्ट मुहैया करा सकता है।'