नई दिल्ली: पुरातत्त्व विभाग के लोगों ने एक ऐसी खोज की है जो आपको 1200 सला पहले की बात को बताता है। ऐसा माना जाता है कि 6 महिलाओं को मंदिर के पीछे काटा गया था और उनके छोटे-छोटे टुकड़े करके मिट्टी के पात्रों में रखा गया था। हर महिला को इस तरीके से रखा जाता था कि उनका सिर एंडीज़ पर्वत श्रृंख्ला की तरफ हो और कुछ को अजीबों गरीब ढ़ंग से बैठाया गया था। महिलाओं को तब मारा जाता था जब वह मंदिर में आयोजित किसी समारोह में आई होती थी। और मारने के बाद उनका खून पिया जाता था। इस तरह की खोज पहली बार की गई है विशेषज्ञों का कहना है कि यह अभी तक पता नहीं चल पाया है कि ऐसा क्यों किया जाता था। बलि देने की यह प्रथा पेरू में 100 सालों से चली आ रही है। मारने के बाद शवों को लाम्बेयेक संस्कृति के अनुसार मंदिर के पीछे दफना दिया जाता था।
लाम्बेयेक संस्कृति को सायकन(SICAN) संस्कृति के नाम से भी जाना जाता है। यह संस्कृति पेरू के उत्तरी तट में 750AD मे शुरू हुई थी और 1375AD में यह पूरे पेरू में फैल गई थी। महिलाओं को मारने के बाद उनके शरीर को एक ही दिशा में रखा जाता था। और उनके चारों तरफ शिल्पकृति की जाती थी ताकी उसे देखने पता लग सके कि यह पूर्व इंका सभ्यताओं की हैं। वह लोग इस बात को सुनिश्चित करना चाहते थे कि पूर्व इंका सभ्यताओं में अच्छे संबंध थे।
अगली स्लाइड में पढ़ें और