वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नयी आव्रजन नीतियों की चौतरफा हो रही आलोचनाओं के बीच व्हाइट हाउस ने यूरोप में बढ़ रहे आतंकवादी हमलों की ओर इशारा करते हुए कहा कि मुस्लिम बहुल सात देशों के नागरिकों के यहां आने पर प्रतिबंध का मकसद उन हालात से बचना है जो आज फ्रांस, जर्मनी या बेल्जियम के कुछ भागों में हैं। ट्रंप ने ईरान, इराक, लीबिया, सूडान, यमन, सीरिया, और सोमालिया के नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश पर प्रतिबंध वाले शासकीय आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं जिसकी देश के भीतर ही नहीं आतंकवादी हमलों का सामना कर चुके जर्मनी और फ्रांस जैसे देशों ने भी आलोचना की है।
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इन आलोचनाओं के बावजूद ट्रंप प्रशासन अपने निर्णय पर अड़ा है। उनका कहना है, अमेरिका एक संप्रभु राष्ट्र है और हमें एक ऐसा तंत्र विकसित करने का पूरा अधिकार है जिसमें हम उन प्रवासियों को चुनते हैं जिनके बारे में हमें लगता है कि वह अमेरिकी समाज को योगदान दे सकते हैं। एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने संवाददाताओं को बताया कि यूरोप में आज जो हालात हैं उनसे बचने के लिए यह निर्णय किया गया है। उन्होंने कहा, हकीकत यह है कि आज जो हालात फ्रांस, जर्मनी या बेल्जियम में हैं, हम नहीं चाहते कि वह अमेरिका में दोहराए जाएं।
उन्होंने कहा कि शुरआत से मिले मार्गदर्शन के अनुसार कानूनी स्थाई निवासियों (एलपीआर्स) को आव्रजन शासकीय आदेश से बाहर रखा गया है। उन्होंने कहा, इसका प्रमाण यह है कि जैसे 12 बजे 170 लोगों ने एलपीआर्स को समाप्त करने का आवेदन किया और 170 लोगों को एलपीआर्स दिया गया। अधिकारी ने कहा कि ग्रीन कार्ड के मुद्दे पर उठ रहा संशय छूट (एक्जेंप्शन) शब्द की सही व्याख्या नहीं हो पाने के कारण है। उन्होंने कहा यदि आप इन सात देशों में से किसी भी देश के नागरिक नहीं हैं तो ये आदेश आपके लिए नहीं हैं।
अधिकारी ने आदेशों को लागू करने की सराहना करते हुए कहा कि यह काम अभूतपूर्व पेशेवर तरीके से किया गया है। उन्होंने कहा कि 24 घंटे में करीब तीन लाख 25 हजार लोग हवाई मार्ग से अमेरिका पहुंचे, जिनमें से 109 लोगों को आगे की पूछताछ और अतिरिक्त सुरक्षा जांच के लिए रोक लिया गया। उन्होंने कहा कि कार्यकारी आदेश के मसौदे को रिपब्लिकन पार्टी के सदस्यों और कैपिटोल हिल के आव्रजक विषेशग्यों ने तैयार किया है।
इस बीच सदन की घरेलू सुरक्षा समिति के चेयरमैन माइकल मैक कॉल ने कहा है कि अमेरिका को ऐसे किसी भी व्यक्ति को वापस नहीं भेजना चाहिए जिसके पास कानूनी वीजा अथवा ग्रीन कार्ड है। उन्होंने कहा कि संदिग्ध आतंकवादी की पहचान के लिए हमें अत्यधिक कठोर जांच प्रक्रिया लागू कराने की बजाए सभी धर्मों के शांतिप्रिय , स्वतंत्रता पंसद करने वाले और अमेरिका को आशा की किरण के तौर पर देखने वाले लोगों को प्रवेश देने में ध्यान ज्यादा केन्दि्रत करने की जरूरत है। उन्होंने इस आदेश की मुसलमानों पर प्रतिबंध के तौर पर आलोचना करने को बेहद गैरजिम्मेदाराना करार दिया।