न्यूयार्क: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को महाभियोग मामले में दोषी ठहराए जाने की कवायद संभवत: परवान नहीं चढ़ पाएगी। इसकी एक प्रमुख वजह है कि इसके लिए मौजूदा प्रशासन को संवैधानिक आधार पर सीनेट में दो तिहाई मतों की आवश्यकता पड़ती है और फिलहाल ऐसा नहीं हो पाया है। गौरतलब है कि मंगलवार को सीनेट में इस बाबत मतदान कराया गया गया जिसमें सीनेट में ट्रंप के पक्ष में 45 के मुकाबले 55 मत मिले जो दो तिहाई बहुमत (67) से 12 मत कम थे। हालांकि मतदान सफल रहा, लेकिन डेमोक्रेटिक पार्टी के पक्ष में उतने मत नहीं मिले जो ट्रंप को दोषी करार दिए जाने के लिए पर्याप्त हों।
इस मामले में ट्रंप, या यूं कहें कि उनकी पार्टी के लिए अच्छी बात यह रही कि इस मतदान में रिपब्लिकन पार्टी के पांच सांसदों का साथ कुछ डेमोक्रेट सांसदों ने भी दिया जिसके परिणामस्वरूप इस बात की संभावना प्रबल होती दिख रही है कि महाभियोग मामले में ट्रंप को दोषी ठहराए जाने की कोशिश संभवत: नाकाम हो जाएगी।
गौरतलब है कि अमेरिका के इतिहास में ट्रंप एकमात्र ऐसे राष्ट्रपति हैं जिन पर दो बार महाभियोग का मामला चलाया गया है। इस मामले में पहली सुनवाई 8 फरवरी को होनी है। सोमवार को अमेरिकी हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव के एक प्रतिनिधिमंडल ने सीनेट को आरोपपत्र सौंपा था जिसमें ट्रंप पर यह आरोप लगाया गया था कि उन्होंने 6 जनवरी को अपने हजारों समर्थकों को अमेरिकी संसद भवन (कैपिटल) पर हमला करने के लिए उकसाया।