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अमेरिका में किरायेदारों पर घर से निकाले जाने का खतरा मंडराया

अमेरिका में राष्ट्रव्यापी निष्कासन स्थगन आदेश की अवधि खत्म होने वाली है जिससे कोविड-19 के मामले बढ़ने के बीच लाखों नागरिकों को मजबूरन घर से निकाले जाने का खतरा पैदा हो गया है।

Reported by: Bhasha
Published on: August 01, 2021 11:23 IST
अमेरिका में...- India TV Hindi
Image Source : AP अमेरिका में किरायेदारों पर घर से निकाले जाने का खतरा मंडराया

वॉशिंगटन: अमेरिका में राष्ट्रव्यापी निष्कासन स्थगन आदेश की अवधि खत्म होने वाली है जिससे कोविड-19 के मामले बढ़ने के बीच लाखों नागरिकों को मजबूरन घर से निकाले जाने का खतरा पैदा हो गया है। अमेरिका में 36 लाख से अधिक लोगों पर निष्कासन का खतरा है क्योंकि महामारी के दौरान 47 अरब डॉलर की संघीय आवासीय सहायता राज्यों को दिए जाने की प्रक्रिया धीमी हो गयी है। यह राशि राज्यों के जरिए किरायेदारों तथा मकानमालिकों को दी जाती है।

दरअसल अमेरिका अपने उन किरायेदारों को धन मुहैया कराता है जो किराया देने में असमर्थ होते हैं तथा यह निधि मकानमालिकों को दी जाती है। कांग्रेस में स्थगन आदेश की अवधि बढ़ाए जाने पर कोई नतीजा न निकलने पर शुक्रवार को तनाव बढ़ गया। इस प्रतिबंध की अवधि खत्म होने से घंटों पहले बाइडन ने स्थानीय सरकारों से निधि को तुरंत वितरित करने के लिए ‘‘हरसंभव कदम उठाने’’ का आह्वान किया।

बाइडेन ने एक बयान में कहा, ‘‘किसी भी राज्य या इलाके के लिए मकानमालिकों और किरायेदारों को निधि देने में तेजी न लाने का कोई बहाना नहीं हो सकता। हर राज्य तथा स्थानीय सरकार को यह निधि मिलनी चाहिए ताकि हम हर संभव निष्कासन को रोक सकें।’’ अमेरिकी राष्ट्रपति ने बृहस्पतिवार को कांग्रेस से इसकी समयसीमा बढ़ाने के लिए जल्द एक विधेयक पारित करने की अपील की थी। लेकिन इसे लेकर राष्ट्रपति और संसद में उनके सहकर्मियों के बीच मतभेद है। डेमोक्रेटिक सांसदों ने इस पर सवाल उठाए और वे कुछ महीनों के लिए इस प्रतिबंध को बढ़ाने पर समर्थन नहीं दे सके।

सीनेट में शनिवार को फिर से सयमसीमा बढ़ाने की कोशिश की जा सकती है। कांग्रेस ने कोविड-19 संकट के कारण कार्य स्थलों के बंद होने और कई लोगों की अचानक नौकरी जाने के कारण किरायेदारों और मकानमालिकों के लिए राज्यों को करीब 47 अरब डॉलर की निधि देने की मंजूरी दी थी। लेकिन सांसदों ने कहा कि राज्य सरकार इस धन का वितरण करने में धीमी रही है। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि इसमें से केवल तीन अरब डॉलर की निधि खर्च की गयी।

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