काबुल. अफगानिस्तान में हालात बेहद खराब हैं। तालिबान लगातार अफगानिस्तान की राजधानी काबुल की तरफ बढ़ रहा है। अब खबर ये है कि तालिबान के लड़कों ने काबुल की सीमा में प्रवेश कर लिया है। अभी तालिबान ने काबुल शहर में प्रवेश तो नहीं किया है लेकिन वो काबुल के बाहरी हिस्से में पहुंच गए हैं। काबुल के बाहरी हिस्सों में गोलीबारी की खबरों के बीच तालिबान ने एक बयान में कहा कि उनकी काबुल को ‘जबरदस्ती’ अपने कब्जे में लेने की योजना नहीं है।
काबुल में मौजूद सूत्रों ने बताया कि राजधानी में सभी सरकारी कर्मचारियों सुबह अचानक ही घर भेज दिया गया और सेना के हेलीकॉप्टर आसमान में चक्कर लगाने लगे। इसी बीच, जलालाबाद पर तालिबान के कब्जे के कुछ घंटे बाद रविवार को अमेरिका के हेलीकॉप्टर यहां अमेरिकी दूतावास पर उतरे। सूत्रों का कहना है कि अमेरिकी दूतावास से राजनयिकों को निकाल लिया गया है।
आपको बता दें कि दो दशक की लड़ाई के बाद अफगानिस्तान से अमेरिकी और नाटों बलों की संपूर्ण वापसी से पहले तालिबान देश पर हर ओर से कब्जा करता जा रहा है। राजधानी काबुल के बाहरी इलाकों में प्रवेश से पूर्व रविवार सुबह चरमपंथी संगठन ने जलालाबाद पर कब्जा कर लिया था। काबुल के अलावा जलालाबाद ही ऐसा इकलौता प्रमुख शहर था जो तालिबान के कब्जे से बचा हुआ था। यह पाकिस्तान से लगती एक प्रमुख बॉर्डर क्रॉसिंग के निकट स्थित है।
अब अफगानिस्तान की केंद्रीय सरकार के अधिकार में देश की 34 प्रांतीय राजधानियों में से काबुल के अलावा छह अन्य प्रांतीय राजधानी ही बची हैं। अमेरिकी दूतावास के निकट राजनयिकों के बख्तरबंद एसयूवी वाहन निकलते दिखे और इनके साथ ही विमानों की लगातार आवाजाही भी देखी गई। हालांकि अमेरिका सरकार ने अभी इस बारे में तत्काल कोई जानकारी नहीं दी है।
अमेरिकी दूतावास की छत के निकट धुएं उठता देखा गया जिसकी वजह अमेरिका के दो सैन्य अधिकारियों के मुताबिक राजनयिकों द्वारा संवेदनशील दस्तावेजों को जलाना है। चेक गणराज्य ने भी अपने दूतावास से अफगान कर्मियों को निकालने की योजना को मंजूरी दे दी है। इससे पहले उसने अपने राजनयिकों को काबुल अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा पहुंचा दिया।
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने शनिवार को कहा था कि वह 20 वर्षों की “उपलब्धियों” को बेकार नहीं जाने देंगे। उन्होंने कहा कि तालिबान के हमले के बीच ‘विचार-विमर्श’ जारी है। उन्होंने शनिवार को टेलीविजन के माध्यम से राष्ट्र को संबोधित किया। हाल के दिनों में तालिबान द्वारा प्रमुख क्षेत्रों पर कब्जा जमाए जाने के बाद से यह उनकी पहली सार्वजनिक टिप्पणी है। एक ओर अमेरिका अपने दूतावासकर्मियों को निकालने के प्रयासों को तेज कर रहा है वहीं दूसरी ओर हजारों आम लोग काबुल में उद्यानों और खुले स्थानों में शरण लिए हुए हैं। काबुल में रविवार को शांति रही लेकिन कई एटीएम से नगदी निकासी बंद हो गई, निजी बैंकों के बाहर सैकड़ों की तादाद में जमा लोग अपनी जीवनभर की पूंजी को निकालने की आस लगाए एकत्रित हुए।