वॉशिंगटन: जिन लोगों को पिछली बार नीला चांद यानी ब्लू सुपरमून का दीदार करने में कामयाबी नहीं मिली उनके लिए 31 जनवरी को आखिरी मौका होगा। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के मुताबिक इस महीने के आखिर में एक बार फिर नीला चांद यानी सुपर ब्लू मून दिखेगा। इससे पहले 3 दिसंबर 2017 और 1 जनवरी 2018 को काफी नजदीक से नीला चांद दिखा था और सुपरमून की झलक की इस तिकड़ी में शायद यह इस साल आखिरी मौका होगा। सुपरमून एक आकाशीय घटना है जिसमें चांद अपनी कक्षा में धरती के सबसे निकट होता है और संपूर्ण चांद का स्पष्ट रूप से अवलोकन किया जा सकता है।
31 जनवरी को होने वाली पूर्णिमा की 3 खासियतें है। पहली यह कि यह सुपरमून की एक सीरीज में तीसरा अवसर है जब चांद धरती के निकटतम दूरी पर होगा। दूसरी यह कि इस दिन चांद सामान्य से 14 फीसदा ज्यादा चमकीला दिखेगा। तीसरी बात यह कि एक ही महीने में 2 बार पूर्णिमा होगी, ऐसी घटना आमतौर पर ढाई साल बाद होती है। सूपर ब्लू मून धरती की छाया से गुजरेगी और प्रेक्षकों को पूर्ण चंद्रग्रहण दिखेगा। नासा के प्रोग्राम एग्जिक्यूटिव व लूनर ब्लागर गॉर्डन ने नासा की ओर से जारी एक बयान में कहा कि चांद जब धरती की छाया में रहेगा तो इसकी आभा रक्तिम हो जाएगी जिसे रक्तिम चंद्र या लाल चांद कहते हैं।
पूरे उत्तरी अमेरिका, प्रशांत क्षेत्र से लेकर पूर्वी एशिया में इस दिन पूर्ण चंद्रग्रहण दिखेगा। अमेरिका, अलास्का, हवाई द्वीप के लोग 31 जनवरी को सूर्योदय से पहले चंद्र ग्रहण देख पाएंगे जबकि मध्य पूर्व के देश समेत एशिया, रूस के पूर्वी भाग, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में सुपर ब्लू ब्लडमून 31 जनवरी को सुबह चंद्रोदय के दौरान लोग देख पाएंगे। दिसंबर में हुई पूर्णमासी के चांद को कोल्ड मून कहा जाता है और 2017 में यह पहला सुपरमून था जिसका लोगों ने दीदार किया। चांद का आकार सामान्य से 7 फीसदी बड़ा लग रहा था और यह सामान्य से 15 फीसदी ज्यादा चकमीला था।