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भारत के लिए आई खुशखबरी, गर्मी और आर्द्रता से रुक सकता है COVID-19 का संक्रमण

ब्रायन अध्ययन के परिणामों का हवाला देते हुए कहा कि अधिक तापमान और आर्द्रता के संपर्क में आते ही यह वायरस अधिक तीव्रता से मर जाता है।

Edited by: India TV News Desk
Updated on: April 24, 2020 10:25 IST
COVID-19 transmission latest news in hindi- India TV Hindi
Summer-like conditions can curb COVID-19 transmission

वाशिंगटन। ट्रंप प्रशासन के एक स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारी ने कहा कि सूर्य की रोशनी, गर्मी और आर्द्रता से ऐसी स्थिति उत्‍पन्‍न हो सकती है, जो कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने में मददगार हो सकती है। यूएस डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्‍यूरिटी के साइंस एंड टेक्‍नोलॉजी महानिदेशालय द्वारा हाल ही में किए गए वैज्ञानिक अध्‍ययन के परिणामों को व्‍हाइट हाउस न्‍यूज कॉन्‍फ्रेंस के दौरान जारी किया गया। कोरोना वायरस जंग में भारत के लिए यह एक अच्‍छी खबर हो सकती है।

राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप की उपस्थिति में होमलैंड सिक्‍यूरिटी फॉर साइंस एंड टेक्‍नोलॉजी के अंडर सेक्रेटरी बिल ब्रायन ने कहा कि सूर्य के प्रकाश और आर्द्रता के संपर्क में आने पर कोरोना वायरस बहुत अधिक तीव्र गति से मर जाता है। सीधे सूर्य के प्रकाश में आते ही वायरस तुरंत मर जाता है। उन्‍होंने कहा कि आइसोप्रोपिल एल्‍कोहल वायरस को 30 सेकेंड में मार देगा।

ब्रायन ने कहा कि आज तक की हमारी सबसे बड़ी सफलता यह है कि हमने देखा है कि सौर प्रकाश का वायरस पर शक्तिशाली प्रभाव होता है और वह इसे सतह एवं हवा दोनों में मारता है। हमनें तापमान और आर्द्रता दोनों के साथ समान प्रभाव देखा है, जहां अधिक तापमान और आर्द्रता बढ़ रही है या दोनों आमतौर पर वायरस के फैलने के लिए कम अनुकूल हैं।

जानलेवा कोरोना वायरस दुनियाभर में 188,000 लोगों की जान ले चुका है और इससे पूरी दुनिया में 26 लाख लोग संक्रमित हैं। ब्रायन अध्‍ययन के परिणामों का हवाला देते हुए कहा कि अधिक तापमान और आर्द्रता के संपर्क में आते ही यह वायरस अधिक तीव्रता से मर जाता है।

ब्रायन ने कीहा कि हम जानते हैं कि गर्मी जैसी स्थिति एक ऐसा पर्यावरण बनाने जा रही है जहां संक्रमण घट सकता है। और यह हमारे लिए आगे बढ़ने का एक अवसर है। सूर्य की रोशनी, उच्‍च तापमान 95 डिग्री फेरनहाइट (या 35 डिग्री सेल्सियस) और आर्द्रता सतह पर वायरस के जीवन को आधा कर देता है। अध्‍ययन में कहा गया है कि सतह पर कोरोना वायरस का जीवन 18 घंटे का है और सूर्य की रोशनी, उच्‍च तापमान और आर्द्रता के संपर्क में आने के कुछ मिनट के भीतर ही वायरस का जीवन घटकर आधा हो जाता है।

यूएस वेदर चैनल के मुताबिक नई दिल्‍ली में शुक्रवार को अधिकतम तापमान 98 डिग्री फेरनहाइट तक रहने की संभावना है। ब्रायन ने कहा कि जब यह वायरस 75 डिग्री फेरनहाइट से अधिक तापमान और लगभग 80 डिग्री आर्द्रता के साथ सूर्य की रोशनी के संपर्क में आता है तो यह एक मिनट में मर सकता है। हालांकि, ब्रायन ने यह स्‍पष्‍ट किया कि वह इन परिणामों के आधार पर लॉकडाउन खोलने या सोशल डिस्‍टेंसिंग का पालन न करने के लिए बिल्‍कुल नहीं कहेंगे।

ब्रायन ने बताया कि उनके डिपार्टमेंट ने डिसइनफेक्‍टैंट्स पर भी परीक्षण किए हैं। उन्‍होंने कहा कि हमनें वायरस पर ब्‍लीच ओर आइसोप्रोपिल एल्‍कोहल का परीक्षण किया है। ब्‍लीच वायरस को पांच मिनट में खत्‍म करती है, जबकि आइसोप्रोपिल एल्‍कोहल वायरस को 30 सेकेंड में मार देगा। इसके लिए इसे रगड़ने की आवश्‍यकता नहीं है, कवेल छिड़कना है और बस छोड़ देना है। यदि आप इसे रगड़ते हैं तो यह और तेजी से मर जाएगा। ब्रायन ने कहा कि सूर्य की रोशनी, सोलर लाइट, यूवी किरणें कोरोना वायरस की चेन को तोड़ने में मददगार हो सकती हैं।

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