संयुक्त राष्ट्र: रूस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में आज ब्रिटेन के खिलाफ निशाना साधते हुये अमेरिकी फंतासी फिल्म ‘एलिस इन वंडरलैंड’ और रूसी साहित्य का जिक्र करते हुए इंग्लैंड में पूर्व डबल एजेंट को जहर देने के आरोपों को खारिज किया। संयुक्त राष्ट्र में रूस के राजदूत वैसिली नेबेंजिया ने परिषद में कहा, ‘यह एक तरह का बेहूदा थिएटर जैसा है। क्या आप इससे बेहतर फर्जी कहानी लेकर नहीं आ सकते थे? हमने अपने ब्रिटिश सहकर्मियों को बता दिया है कि आप आग से खेल रहे हैं और आपको इस पर पछताना पड़ेगा।’
इंग्लैंड के सालिसबरी शहर में चार मार्च को पूर्व डबल एजेंट सर्गेइ स्क्रीपल और उनकी बेटी यूलिया एक बेंच पर गंभीर हालत में मिले थे। ब्रिटेन ने इस हमले के लिए रूस को जिम्मेदार ठहराया था लेकिन रूस ने किसी तरह की संलिप्तता से इनकार कर दिया। ब्रिटेन ने कहा कि पूर्व जासूस पर सोवियत संघ द्वारा बनाए गए नर्व एजेंट से हमला किया गया था। इस विवाद से राजनयिकों के निष्कासन का सिलसिला शुरू हो गया और रूस तथा पश्चिमी देशों के बीच तनाव पैदा हो गया। नेबेंजिया ने दावा किया कि रूस के खिलाफ ‘प्रोपैगेंडा वॉर’ छेड़ी गई है ताकि रूस की साख बिगाड़ी जा सके और उसे अमान्य करार दिया जा सके।
रूस ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से बैठक बुलाने का अनुरोध किया था और इसी दिन रासायनिक हथियार पर निगरानी रखने वाले संगठन ऑर्गेनाइजेशन फॉर द प्रोहिबिशन ऑफ कैमिकल वेपंस ने ब्रिटेन के साथ सालिसबरी घटना की संयुक्त जांच करने की रूस की अपील खारिज कर दी थी। इसके जवाब में ब्रिटेन के राजदूत कारेन पीयर्स ने कहा कि ब्रिटेन ने जासूस की बेटी यूलिया स्क्रीपल तक राजनयिक पहुंच की रूस की मांग से ब्रिटेन सरकार को अवगत करा दिया और सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय समझौते के तहत कदम उठाया है। पीयर्स ने कहा, ‘मुझे नैतिकता और हमारी जिम्मेदारियों पर उस देश से कोई भाषण नहीं सुनना जिसने सीरिया में रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल पर उचित जांच को रोकने के लिए बहुत कुछ किया।’
अमेरिकी राजनयिक केली करी ने कहा, ‘यह राजनीतिक फायदे के लिए सुरक्षा परिषद का इस्तेमाल करने का रूस का अन्य प्रयास है।’ ब्रिटेन पर निशाना साधते हुए रूस के राजदूत ने लोकप्रिय ब्रिटिश टेलीविजन श्रृंखला ‘मिड्समर मर्डर्स’ और रूस की प्रसिद्ध साहित्यिक कृति ‘क्राइम एंड पनिशमेंट’ का हवाला दिया। उन्होंने कहा, ‘यह कोई आपराधिक उपन्यास नहीं है जैसा कि ब्रिटेन के विदेश मंत्री सोचते हैं बल्कि यह साहित्य का गहरा दार्शनिक काम है। मैं श्रीमान बोरिस जॉनसन को सुझाव दूंगा कि वह दोस्तोव्स्की के कुछ अन्य उपन्यास पढ़े या कम से कम उनके नाम जानें।’