न्यूयॉर्क: पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज द्वारा SAARC सम्मेलन में कूटनीतिक बेइज्जती का जवाब निजी हमले से दिया है। इस दौरान उन्होंने सार्वजनिक तौर पर उनके खिलाफ गैर पेशेवर टिप्पणी की है। कुरैशी ने हंसते हुए कहा, ‘मैंने जब विदेश मंत्री को देखा तो मैं काफी चिंतित हो गया, जब मैं अपने कमरे में था, उन्होंने मुझे बेहद हैरान होकर देखा। वह बहुत परेशान दिख रही थीं। मैं चाहता था, मैं चाहता था कि हम एक-दूसरे को देखकर मुस्कुराएं।’
उन्होंने यह बयान शुक्रवार को एशिया सोसायटी में दिया। इसके एक दिन पहले जब सुषमा स्वराज दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) के मंत्रियों की बैठक में उनसे किसी भी तरह की बातचीत किए बैगर वहां से निकल गईं थीं। उन्होंने इस दौरान कुरैशी का भाषण भी नहीं सुना था। वहां उपस्थित अधिकांश लोगों ने उनके ठहाके में उनका साथ नहीं दिया, जिसमें बड़ी संख्या में पाकिस्तानी मूल के लोग शामिल थे।
कुरैशी ने कहा, ‘मैं उनपर जबरदस्त दबाव देख सकता था और वह जब गईं, वह मीडिया से बात भी नहीं करना चाह रही थीं। मुझे कोई समस्या नहीं है। लेकिन मैं दबाव देख सकता था, लेकिन मैं उनपर राजनीतिक दबाव देख सकता था, राजनीति, और कुछ नहीं, राजनीति, घरेलू राजनीति।’ रिपोर्ट्स के मुताबिक, दक्षेस बैठक के बाद गुरुवार को कुरैशी ने पाकिस्तानी मीडिया से कहा था कि हो सकता है वह बीमार हों। हालांकि सुषमा का इस हफ्ते काफी व्यस्त कार्यक्रम है। उनका जापान के विदेश मंत्री तारो कानो और सीरिया के उपप्रधानमंत्री वालिद अल मुअल्लम से मुलाकात का भी कार्यक्रम प्रस्तावित है।
भारत ने पिछले हफ्ते पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के आग्रह पर संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक से इतर सुषमा और कुरैशी के बीच वार्ता को लेकर सहमति जताई थी। भारत ने हालांकि बाद में कश्मीर में तीन भारतीय पुलिसकर्मियों की हत्या और पाकिस्तान की ओर से आतंकवादियों के महिमामंडन वाले स्टैम्प जारी करने के बाद वार्ता रद्द कर दी थी।
पाकिस्तानी पत्रकारों की ओर से यह पूछे जाने पर कि क्यों दोनों देशों के बीच वार्ता नहीं हुई? कुरैशी ने बिना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व भारतीय जनता पार्टी का नाम लिए कहा, ‘वे हमारे खिलाफ क्यों हैं? आसान है सर, राजनीति, चुनाव, राजनीति और मतदाताओं का भय। उनके पास पेंडुलम है, उन्होंने पेंडुलम को चरम सीमा तक इतनी तेजी से घुमा दिया है कि वे अब इसे वापस लाने में मुश्किल महसूस कर रहे हैं। और चूंकि चुनाव आने वाले हैं, उन्हें लगता है कि इसका उल्टा असर न हो जाए, इसलिए ये लोग हिचकिचा रहे हैं।’
चुनाव बाद इमारन खान के पहले भाषण के मद्देनजर उन्होंने वार्ता करने की इस्लामाबाद की इच्छा दोहराई। इमरान ने कहा था कि वह भारत द्वारा उठाए गए एक कदम के जवाब में दो कदम उठाएंगे। उन्होंने कहा, ‘जब भी आप तैयार होते हैं, हमारा संदेश स्पष्ट और साफ है, पाकिस्तान आगे बढ़ने से पहले कभी हिचकिचाएगा नहीं। हम क्षेत्र में विकास चाहते हैं।’ कुरैशी ने कहा कि चुनाव में इमरान खान का चुना जाना देश के लिए एक निर्णायक मोड़ है।
उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान के लोग स्पष्ट हैं कि अतिवाद समाप्त होना चाहिए, आतंकवाद वह नहीं है, जिसकी हमें जरूरत है। आतंकवाद से हम किसी भी अन्य देश से ज्यादा प्रभावित हुए हैं।’ नई दिल्ली और वॉशिंगटन के बीच बढ़ रही नजदीकी के बारे में कुरैशी ने कहा, ‘आज भारत अमेरिका का रणनीतिक साथी है, लेकिन हमें इससे कोई समस्या नहीं है।’