संयुक्त राष्ट्र: दुनिया में एक ऐसा समंदर है, जिसे शरणार्थियों की कब्रगाह कहा जाए तो गलत नहीं होगा। इस समंदर का नाम है भूमध्य सागर, और अफ्रीका महाद्वीप के लोग एक बेहतर भविष्य की आस में इसे पार करके यूरोप जाने का सपना देखते हैं। इस सपने को पूरा करने के लिए वे कई बार अवैध रूप से यूरोप में घुसने की कोशिश करते हैं, और इसके लिए उन्हें भूमध्य सागर पार करना होता है, और इसी सागर को पार करने की कोशिश उनमें से कइयों के लिए जानलेवा हो जाती है।
संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी ने कहा है कि बीते साल भूमध्य सागर पार करके यूरोप जाने की कोशिश में हर दिन 6 लोगों की मौत हुई है। एजेंसी ने भूमध्यसागर को प्रवासियों के लिए सबसे जानलेवा रास्ता बताया है। शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त के कार्यालय की ओर से जारी एक नई रिपोर्ट के मुताबिक 2018 में करीब 2,275 लोग या तो भूमध्यासागर में डूब गए या फिर लापता हो गए।
शरणार्थियों के लिये संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त फिलिपो ग्रैंडी ने कहा, ‘सागर पार करने वाले लोगों की जान बचाना पसंद नापसंद की बात नहीं है, ना ही यह राजनीतिक मामला है। बल्कि यह सदियों से जारी जिम्मेदारी है। हम इन त्रासदियों को अपने साहस और क्षेत्रीय सहयोग पर आधारित दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाकर खत्म कर सकते हैं।’ इन आंकड़ों में 2017 की तुलना में भारी वृद्धि हुई है। 2017 में यूरोप जाने वाले औसतन 38 लोगों में से एक व्यक्ति की मौत हुई थी।