वाशिंगटन: कश्मीर मुद्दे पर समर्थन जुटाने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के दूतों ने बलूचिस्तान के मसले पर भारत को धमकाया है। अमेरिका के स्टीम्सन सेंटर में अपनी बात रखते हुए उन्होंने कहा कि अगर भारत बलूचिस्तान का मुद्दा उठाना बंद नहीं करता है, तो पाकिस्तान 'खालिस्तान, नागालैंड, त्रिपुरा, असम, सिक्किम और माओवाद विद्रोह का जिक्र कर' जवाब दे सकता है।
शरीफ के विशेष दूत मुशाहिद हुसैन सैयद ने अमेरिका की अपनी पांच दिवसीय यात्रा की समाप्ति पर कहा, हमें लगता है कि तनाव कम करने और पाकिस्तान पर बात करने के बजाय उसके साथ बातचीत शुरू करने के लिए भारत पर दबाव बनाने में अमेरिका की एक सकारात्मक भूमिका है। कश्मीर मामले पर एक अन्य दूत शजरा मंसब के साथ यहां आये सैयद ने कहा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल का फोन करना इस बात का एक प्रतीक है और बाद में भी फोन पर बात हुई। इस प्रकार से फोन करने का उद्देश्य तनाव कम करना था।
उन्होंने कहा कि मोदी उस भारतीय दिल्ली प्रतिष्ठान से नहीं है, जहां आपको हमेशा नाराज रहने वाले और शीत युद्ध वाली पुरानी मानसिकता वाले ऐसे वृद्धजन मिलते हैं जिनके चेहरे पर कोई मुस्कराहट नहीं होती, मोदी इस लिहाज से बाहर के व्यक्ति हैं। सैयद ने कहा, मुझे लगता है कि दक्षेस सम्मेलन इस्लामाबाद में होगा। मोदी वहां जाएंगे और नवाज शरीफ से गले मिलेंगे। मुझे लगता है कि, कि मोदी को एहसास होगा कि यही आगे जाने का ठीक रास्ता है।
पाकिस्तानी दूत सैयद ने कहा, 'हम अमेरिका से हस्तक्षेप की सिफारिश करते हैं, क्योंकि भारत के साथ बातचीत शुरू करने के लिए अनुमति देने और लाभ उठाने की स्थिति में है, ताकि कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन को खत्म किया जा सके। इसके साथ ही यह भी कि कश्मीर में संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों का लागू होना सुनिश्चित किया जा सके।'
वहीं, स्टीम्सन सेंटर के सहसंस्थापक और लंबे समय तक दक्षिण एशिया मामलों के विशेषज्ञ रहे माइकल क्रेपन ने इस मसले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि 'कश्मीर में स्थिति दुनिया के युद्धग्रस्त अन्य इलाकों से ज्यादा बेहतर है।' क्रेपन कश्मीर में सीरिया की तरह अमेरिका के हस्तक्षेप और पाकिस्तान के तर्कों को लेकर पूछे गए एक सवाल का जवाब दे रहे थे।
दोनों दूतों ने कश्मीर में कथित मानवाधिकार उल्लंघनों पर एक डोजियर भी सौंपा। सैयद ने कहा, अमेरिकी प्रशासन ने हमें भरोसा दिया है कि भारत में मानवाधिकारों से संबंधित अगली रिपोर्ट में इस डोजियर पर ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने पाकिस्तान को भरोसा दिलाया है कि वह कश्मीर मामले पर मोदी पर दबाव बनाएगा। सैयद ने कहा, हम मोदी की ओर से इस मुद्दे पर यू-टर्न का इंतजार कर रहे हैं। मुझे लगता है कि यह एक सकारात्मक यू-टर्न होगा। संबंधों को सामान्य करने की पहल करना और दोनों देशों के बीच तनाव कम करना इसका पहला संकेत होगा।
गौरतलब है कि 18 सितंबर को उरी में सेना के कैम्प पर हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने पाक अधिकृत कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक कर आतंकियों के सात कैम्पों को ध्वस्त कर दिया था। इसके बाद से ही पाकिस्तान बौखलाया हुआ है।