नई दिल्ली: भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिकी सांसदों के साथ अपनी बैठक रद कर दी है। इस बैठक में कश्मीर में उठाए भारत सरकार के कदमों की अपनी रिपोर्ट में आलोचना करने वाली अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल भी शामिल होने वाली थीं। भारत के विदेश मंत्री ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि मुझे उनसे मुलाकात करने में कोई रुचि नहीं है। एस. जयशंकर ने कहा, "मुझे नहीं लगता, इसमें (रिपोर्ट में) जम्मू एवं कश्मीर की स्थिति को सही तरीके से समझा गया है, या इसमें भारत सरकार के कदमों को सही तरीके से बताया गया है... मुझे उनसे मुलाकात करने में कोई रुचि नहीं है...।"
'वाशिंगटन पोस्ट' ने एक एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में कहा कि जब अमेरिकी सांसदों ने प्रमिला जयपाल को बैठक में शामिल नहीं करने की मांग को खारिज कर दिया, तो भारतीय विदेश मंत्री ने कांग्रेस (अमेरिकी संसद) के वरिष्ठ सदस्यों के साथ होने वाली बैठक को अचानक रद्द कर दिया। वाशिंगटन पोस्ट ने रिपोर्ट में कांग्रेशनल सहयोगियों का हवाला दिया है, जिन्हें पूरे मामले की जानकारी है।
इसके बाद प्रमिला जयपाल ने ट्विटर पर कहा, "इस बैठक को रद्द किया जाना बहुत विचलित करने वाला है... इससे हमारी इस सोच को बल मिलता है कि भारत सरकार किसी भी असहमति को सुनने की इच्छुक नहीं है...।"
जयपाल एक प्रस्ताव के जरिए मांग कर रही हैं कि भारत सरकार जितना जल्दी संभव हो हिरासत में लिए गए लोगों को छोड़ दे और कश्मीर में संचार शुरु किया जाए। इस प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर में सुरक्षबलों को वहां पर काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
प्रमिला जयापाल ने जो प्रस्ताव पेश किया है। उसे सिर्फ रिपब्लिकन सांसद स्टीव वाटकिंस का समर्थन मिला है। यह साधारण प्रस्ताव है, जिस पर सीनेट में वोटिंग नहीं हो सकने की जानकारी सामने आई है और न ही इसे लागू करने के लिए कोई दबाव बनाया जा सकता है।