संयुक्त राष्ट्र। रूस कोरोना वायरस महामारी पर एक प्रस्ताव के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा की मंजूरी हासिल करने का फिर से प्रयास कर रहा है। इस बार उसने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की मंजूरी के बिना लगाए गए एकतरफा प्रतिबंधों को हटाने की मांग छोड़ दी है, लेकिन संरक्षणवादी रवैये को समाप्त करने की मांग पर अब भी अड़ा हुआ है। 193 सदस्यीय विश्व निकाय को बुधवार को दोपहर तक रूस के संशोधित मसौदा प्रस्ताव पर विचार करना है, जिसमें कोरोना वायरस महामारी द्वारा उत्पन्न चुनौतियों का सामना करने के लिए संयुक्त राष्ट्र की एकजुटता की घोषणा की अपील की गई है।
महासभा ने नए मतदान नियम बनाए हैं क्योंकि इससे महामारी के परिणामस्वरूप बैठकें नहीं हो पा रही हैं। आम तौर पर, महासभा के प्रस्तावों को बहुमत से या आम सहमति से पारित किया जाता है, लेकिन अब अगर किसी एक देश ने प्रस्ताव पर आपत्ति जता दी, तो वह पारित नहीं हो पाता है। रूस का मूल मसौदा प्रस्ताव दो अप्रैल को मंजूरी हासिल करने में विफल रहा था, जो मध्य अफ्रीकी गणराज्य, क्यूबा, निकारागुआ और वेनेजुएला द्वारा सह-प्रायोजित था।
राजनयिकों ने कहा कि यूरोपीय संघ, ब्रिटेन, अमेरिका और यूक्रेन ने इस पर आपत्ति जताई थी। महासभा के अध्यक्ष तिजानी मुहम्मद-बंदे ने शुक्रवार को संशोधित रूसी मसौदा प्रस्ताव को सदस्य देशों को भेजा। इस प्रस्ताव को लगभग 30 देशों का समर्थन प्राप्त है। इसमें व्यापार युद्धों को समाप्त करने की मांग छोड़ दी गई है, लेकिन कई नए प्रावधान जोड़े गए हैं। इसके अलावा इसमें कोविड-19 के प्रसार का सार्वजनिक स्वास्थ्य और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की गई है और महामारी से निपटने के लिए एकजुटता और अंतरराष्ट्रीय सहयोग से समन्वित और निर्णायक कार्रवाई करने की प्रतिबद्धता जताने की अपील की गई है।