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‘मीडिया के जरिए भारत और ब्राजील के चुनावों को निशाना बना सकता है रूस’

ऑक्सफोर्ड विश्विवद्यालय के सोशल मीडिया विशेषज्ञों ने अमेरिकी सांसदों के समक्ष दावा किया है कि भारत और ब्राजील जैसे देशों के चुनाव में रूस हस्तक्षेप कर सकता है।

Reported by: Bhasha
Published : August 02, 2018 20:00 IST
Flags of Brazil, India and Russia | AP
Flags of Brazil, India and Russia | AP

वॉशिंगटन: ऑक्सफोर्ड विश्विवद्यालय के सोशल मीडिया विशेषज्ञों ने अमेरिकी सांसदों के समक्ष दावा किया है कि भारत और ब्राजील जैसे देशों के चुनाव में रूस हस्तक्षेप कर सकता है। विशेषज्ञों के दावे के मुताबिक, इस काम के लिए रूस इन देशों की मीडिया को निशाना बना सकता है। आपको बता दें कि रूस पर 2016 के अमेरिकी चुनावों में भी हस्तक्षेप के आरोप लगते रहे हैं। हालांकि आरोप लगाने वाले विशेषज्ञ फिलिप एन. होवर्ड ने अपने आरोपों के बारे में और ज्यादा ब्योरा नहीं दिया।

 
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के ऑक्सफोर्ड इंटरनेट इंस्टीट्यूट एंड बेलियोल कॉलेज में प्राध्यापक फिलिप एन. होवर्ड ने सोशल मीडिया मंचों पर विदेशी प्रभाव के मामलों पर सीनेट की खुफिया कमेटी की सुनवाई में यह बात कही। हालांकि, होवर्ड ने अपने आरोपों के बारे में और अधिक ब्योरा नहीं दिया। उन्होंने कहा कि उन देशों में हालात और अधिक खतरनाक हो सकते हैं जहां मीडिया अमेरिका जितना पेशेवर नहीं है। 

सीनेटर सुसान कोलिंस के एक सवाल के जवाब में होवर्ड ने यह बात कही। उन्होंने भारत और ब्राजील के चुनावों में मीडिया के जरिए हस्तक्षेप की संभावना का जिक्र किया। हालांकि, इस बारे में और अधिक ब्योरा नहीं दिया। इससे पहले कोलिंस ने हंगरी की मीडिया में इस तरह के हस्तक्षेप के कुछ उदाहरण दिए।

होवर्ड ने कहा कि दुनिया में सबसे ज्यादा पेशेवर मीडिया अमेरिका में है। उन्होंने कहा, ‘मैं कह सकता हूं कि हमारे लोकतांत्रिक सहयोगी देशों में अधिक चिंताएं हो सकती हैं। मेरा मानना है कि रूस हमे निशाना बनाने से आगे बढ़ते हुए ब्राजील, भारत जैसे अन्य लोकतंत्रों को निशाना बना सकता है, जहां अगले कुछ बरसों में चुनाव होने वाले हैं।’

होवर्ड ने कहा कि हम महत्वपूर्ण रूसी गतिविधि देख रहे हैं, इसलिए उन देशों के मीडिया संस्थानों को सीखने और विकसित होने की जरूरत है। सीनेट कमेटी ने 2016 के रूसी चुनाव में कथित रूसी हस्तक्षेप पर ध्यान केंद्रित करते हुए सोशल मीडिया मंचों पर विदेशी प्रभाव पर सुनवाई की। गौतलब है कि जनवरी 2017 के आंकलन में शीर्ष अमेरिकी खुफिया एजेंसियां इस निष्कर्ष पर पहुंची थी कि रूस ने 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में हस्तक्षेप किया था।

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