वाशिंगटन: अमेरिकी वैज्ञानिकों ने एक नई तकनीक विकसित की है जिससे रॉबोट विभिन्न वातावरणों में खुद से चल सकते हैं और ऐसे काम कर सकते हैं जिनकी उम्मीद एक सैनिक युद्ध के मैदान में अपने सहयोगी से करता है। अमेरिका की आर्मी रिसर्च लैबोरेटरी (एआरएल) और कार्नेगी मेलोन यूनिवर्सिटी के अनुसंधानकर्ताओं ने यह तकनीक विकसित की है जिसके जरिए रोबोटों को ऐसे व्यवहार की शिक्षा दी जाती है जहां मानवीय चूक होने की गुंजाइश कम से कम हो। एआरएल की मैगी विग्नेस ने कहा , “ अगर कोई रॉबोट टीम के सहयोगी की तरह काम करता है तो कार्यों को तेजी से पूरी किया जा सकता है और परिस्थिति के बारे में ज्यादा जागरुक रहा जा सकता है। ”
विग्नेस ने कहा , “ इसके अलावा रॉबोट को संभावित खतरों के परिदृश्यों के शुरुआती निरीक्षक के तौर पर इस्तेमाल कर सैनिकों को खतरों से दूर रखा जा सकता है। ” ऐसा करने में सक्षम होने के लिए विग्नेस ने कहा कि रॉबोट को महसूस करने , तर्क देने और फैसले लेने के लिए अपनी विद्वता का इस्तेमाल करना आना चाहिए। इस तकनीक को भविष्य में युद्ध मैदानों के लिए महत्त्वपूर्ण माना जा रहा है जहां सैनिक रॉबोट पर निर्भर हो सकते हैं।