वाशिंगटन: एक्सॉन मोबिल के पूर्व अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी रेक्स टिलरसन के रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ निकट संबंधों को लेकर चिंताओं के बावजूद सीनेट द्वारा उनके नाम की पुष्टि होने के बाद उन्होंने अमेरिका के विदेश मंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की। सीनेट में 64 वर्षीय टिलरसन के नाम की पुष्टि 43 के मुकाबले 56 मतों से की गई। उन्हें उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने पद की शपथ ग्रहण कराई। टिलरसन ने कभी कोई राजनीतिक कार्यभार नहीं संभाला है। उन्हें रूस के साथ संबंधों को लेकर काफी विरोध का सामना करना पड़ा।
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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस के ओवल कार्यालय में शपथ ग्रहण समारोह में कहा, आपको पश्चिम एशिया और विश्वभर में कई चुनौतियां विरासत में मिली हैं, लेकिन मेरा मानना है कि हम इस अत्यंत संकटग्रस्त समय में शांति एवं स्थिरता हासिल कर सकते हैं। अमेरिका के शीर्ष राजनयिक के रूप में उनके नाम की पुष्टि का व्हाइट हाउस एवं रिपब्लिकन पार्टी ने स्वागत किया लेकिन सीनेट में डेमोक्रेटिक सांसदों ने रूस एवं रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ उनके संबंधों का जिक्र करते हुए उनके नाम का विरोध किया।
इस समारोह में ट्रंप ने टिलरसन के राजनयिक कौशल के लिए उनकी प्रशंसा की और कहा कि अब समय आ गया है, जब विदेशी मामलों पर स्पष्ट नजरिए से ध्यान दिया जाए, दुनिया में हमारे आस पास नए सिरे से नजर डाली जाए और अत्यंत प्राचीन वास्तविकताओं में मौजूद नए समाधान खोजे जाएं। ट्रंप ने कहा, इन वास्तविकताओं में यह तथ्य शामिल है कि राष्ट्रों को अपने हितों की रक्षा करने का अधिकार है, लोगों को स्वतंत्र रूप से अपना भाग्य तय करने का अधिकार है, संघर्ष में शामिल होने की बजाए मिलकर काम करना हमारे लिए बेहतर होगा। जिस तरह का संघर्ष आज की दुनिया में हो रहा है, वैसा शायद ही पहले कभी रहा हो। टिलरसन ने अपने संक्षिप्त भाषण में यह अवसर प्रदान करने के लिए ट्रंप का धन्यवाद किया।
तेल कंपनी के पूर्व कार्यकारी टिलरसन ने रूस की सरकारी कंपनी रोजनेफ्ट के साथ कई अरब डॉलर का समझौता किया था और उन्हें वर्ष 2013 में क्रेमलिन ने ऑर्डर ऑफ फ्रेंडशिप से पुरस्कृत किया था। सीनेट में उनके नाम की पुष्टि संबंधी सुनवाई में उन्होंने स्वीकार किया कि पश्चिम के पास रूसी आक्रामकता से सचेत होने का कारण है, लेकिन उन्होंने पुतिन को युद्ध अपराधी कहने से इनकार कर दिया। टिलरसन के नाम की पुष्टि पूर्व विदेश मंत्रियों की तुलना में अधिक विवादास्पद रही। सीनेट ने पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबाना के चयनों जॉन केरी की तीन के मुकाबले 94 और हिलेरी क्लिंटन की दो के मुकाबले 94 मतों से पुष्टि की थी।
टिलरसन के सामने मौजूद चुनौतियों में से एक चुनौती यह है कि उन्हें सात मुस्लिम बहुल देशों से आव्रजन या यात्रा पर रोक संबंधी ट्रंप के आदेश के कारण विदेश मंत्रालय में पैदा हुई आशंकाओं का निराकरण करना है। उन पर प्रभावित देशों और नाराज यूरोपीय नेताओं के साथ संबंध पुन: स्थापित करने की भी जिम्मेदारी होगी। सीनेट में अपनी टिप्पणी में डेमोक्रेटिक सीनेटर एलिजाबेथ वारेन ने कहा कि रूस के साथ टिलरसन के व्यापक और लंबे समय से संबंधों का मतलब है कि अमेरिका अपने हितों के लिए उन पर विश्वास नहीं कर सकता। डेमाक्रेटिक सीनेटर डिक डर्बिन ने कहा, राष्ट्रपति पुतिन के साथ टिलरसन के व्यक्तिगत और व्यावसायिक संबंध की वजह से मुझे यह विश्वास नहीं है कि वह रूस के साथ अमेरिका के व्यवहार में प्रभावी भूमिका निभाएंगे।