वाशिंगटन: अमेरिकी सरकार ने युवा पीढ़ी का रूझान आतंकवाद की तरफ न होने पाये इसके लिये उठाये जा रहे विभिन्न कदमों के तहत अपनी एजेंसियों को आतंकवाद-निरोधक बातचीत में जिहाद, शरिया, उम्मा जैसे धार्मिक रूप से आवेशित शब्दों का इस्तेमाल करने से बचने और इसके बदले सादे-अर्थ वाली अमेरिकी अंग्रेजी का इस्तेमाल करने की सलाह दी है। यह सिफारिश अमेरिकी गृह सुरक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट में की गई है।
गृह सुरक्षा सलाहकार परिषद की रिपोर्ट में यह भी सिफारिश की गई है कि विभाग नये कोष में 10 करोड़ डॉलर तक आवंटन करके अमेरिका में 20वीं सदी के अंत की तरफ पैदा होेने वालों पर ध्यान केंद्रित करे।
उसने मुस्लिम समुदाय समेत निजी क्षेत्र के महती सहयोग का भी अनुरोध किया ताकि हिंसक उग्रवाद के खतरे से संबंधित देश का नयी पीढ़ी के खतरों से मुकाबला किया जा सके।
वाशिंगटन फ्री बीकन की खबर में रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा गया है कि धन का इस्तेमाल विशेषग्यों को रखने और नये सोशल मीडिया कार्यक्रमों और प्रौद्योगिकी में किया जाएगा ताकि युवा लोगों को आतंकवादी समूहों में शामिल नहीं होने के लिए प्रभावित किया जा सके।