वाशिंगटन: महज पंद्रह दिनों के अंदर ही अमेरिका में एक और भारतीय नस्लीय हमले का शिकार बना। ताज़ा हमले में एक भारतीय सिख की सिएटल में गोली मारी गई। पुलिस के मुताबिक नक़ाबपोश हमलावर ने सिख को गोली मारने से कहा कि 'उनके देश से बाहर चले जाओ'। गोली युवक के कंधे पर लगी है। स्थानीय लोगों ने इस हमले पर गहरी नाराजगी जताते हुए हत्यारे को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की मांग की है। वहीं काउंसिल जनरल सैन फ्रांसिस्को इस मामले में लॉकल ऑथरिटी से बात कर रहा है।
ग़ौरतलब है कि सिख युवक को गोली मारने से पहले हत्यारे जो शब्द कहे उन शब्दों ने एक बार फिर से कंसास में हुई श्रीनिवास की हत्या की याद ताजा कर दी। उन्हें भी गोली मारने से पहले हत्यारे ने इन्हीं शब्दों का प्रयोग किया था। इसके अलावा गुरुवार को भी साऊथ कैरोलिना में भी रात में एक भारतीय मूल के दुकानदार की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जिस पर वहां रहने वालों ने काफी रोष व्यक्त किया था।
इन सभी हत्याओं के पीछे डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान की छाप साफतौर पर दिखाई देती है जिसमें उन्होंने गैर अमेरिकियों पर पाबंदी लगाने या उन्हें दोयम दर्जे का नागरिक साबित करने की बात कही है। कंसास में हुई भारतीय इंजीनियर श्रीनिवास कुचिभोटला की हत्या के कई दिन बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस पर अपनी चुप्पी तोड़ते इस हत्या की निंदा की थी।
यूएस कांग्रेस को दिए अपने संबोधन में उन्होंने इस तरह की घटनाएं दोबारा न होने की भी बात कही थी। इसके बाद भी अमेरिका में भारतीयों पर नस्लीय हमले रुक नहीं हैं। डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से पहले ही गैर अमेरिकियों पर इस तरह का संकट मंडराता हुआ दिखाई दे रहा था।