संयुक्त राष्ट्र: भारत ने रविवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के उस ‘बेतुके आरोप’ पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की जिसमें उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में कहा था कि पाकिस्तान के पेशावर में 2014 में एक स्कूल पर हमला करने वाले आतंकवादियों को भारत का ‘समर्थन’ प्राप्त था। भारत ने कुरैशी के बयान को 'घृणास्पद आक्षेप’ करार देते हुए कहा कि यह बयान इस हमले में मारे गए बच्चों की याद को अपमानित करना है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन की राजदूत ईनाम गंभीर ने भारत के जवाब देने के अधिकार का उपयोग करते हुए कुरैशी द्वारा कल रात महासभा के संबोधन में लगाए गए आरोपों को निराधार बताया।
गंभीर ने कहा, ‘चार साल पहले पेशावर के एक स्कूल पर हुए भयानक हमले के संबंध में लगाया गया घृणित आरोप बेहद आक्रोशित करने वाला है।' उन्होंने प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व वाली नई पाकिस्तान सरकार को यह याद दिलाया कि 2014 में स्कूली बच्चों पर हुए हमले से भारत को बेहद दुख और पीड़ा पहुंचा थी। गंभीर ने कहा कि भारत के संसद के दोनों सदनों ने शोक मनाते हुए एकजुटता पेश की थी। उन्होंने कहा, ‘मारे गए बच्चों की याद में भारत के सभी स्कूलों में दो मिनट का मौन रखा गया था। पाकिस्तान के विदेश मंत्री द्वारा लगाया गया घृणित आरोप इस हमले में मारे गए बच्चों की यादों का अपमान करना है।'
पाकिस्तान के विदेश मंत्री कुरैशी ने कहा था कि पाकिस्तान पेशावर के स्कूल में 150 बच्चों की हत्या को कभी नहीं भूलेगा। इस हमले और कई अन्य हमले का संबंध ‘भारत द्वारा समर्थन प्राप्त आतंकवादियों’ से जुड़ा है। गंभीर ने पाकिस्तान के आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के दावे को झूठा करार देते हुए कहा कि अगर इस दावे के तथ्यों की पुष्टि की जाए तो अलग तरह की तस्वीर निकल कर सामने आएगी। कुरैशी द्वारा कश्मीर का मुद्दा उठाए जाने पर गंभीर ने कहा कि भारत ने पाकिस्तान की नई सरकार को यह साफ कर दिया है कि पूरा जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और आगे भी रहेगा।
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