वाशिंगटन: वाशिंगटन स्टेट सीनेट में अपने प्रगतिवादी एजेंडे के लिए पहचान बनाने वाली भारत में जन्मी प्रमिला जयपाल ऐसी पहली दक्षिण एशियाई एवं भारतीय अमेरिकी महिला बनने के कगार पर हैं जो अमेरिकी कांग्रेस में चुनी जाएंगी। हालिया चुनाव में इस बात का संकेत मिला है कि प्रमिला के पास ब्रैंडी पीनेरो वाल्किन्शॉ के खिलाफ दोहरे आंकड़े की संख्या में जबरदस्त बढ़त है। प्रमिला ने प्राइमरी में वाल्किन्शॉ को बड़े अंतर से हराया था। राष्ट्रपति पद के चुनाव में पूर्व डेमोक्रेटिक उम्मीदवार सीनेटर बर्नी सैंडर्स द्वारा समर्थित 51 वर्षीय प्रमिला वाशिंगटन स्टेट के सातवें कांग्रेशनल डिस्टि्रक्ट से चुनाव लड़ रही हैं जिसमें सीटल और इसके आस पास के शहर शामिल हैं।
अपने ही पार्टी सहयोगी वाल्किन्शॉ के खिलाफ चुनाव लड़ रहीं प्रमिला अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में कांग्रेस के सदस्य जिम मैक्डरमॉट की जगह लेंगी। प्रमिला के कैलिफार्निया में अमेरिकी सीनेट के लिए चुनाव लड़ रहीं कमला हैरिस की तरह पहली कोशिश में ही अमेरिकी कांग्रेस में प्रवेश करने की संभावना है। प्रमिला ने इस साल जनवरी में अपनी प्रचार मुहिम शुरू करते समय कहा था, मैं कांग्रेस के लिए चुनाव लड़ रही हूं क्योंकि अब एक प्रगतिशील लड़ाके की आवश्यकता है।
प्रमिला को मौजूदा कांग्रेस में एकमात्र भारतीय अमेरिकी एमी बेरा समेत 21 कांग्रेस सदस्यों ने समर्थन दिया है। इसके अलावा एनएआरएएल, एमिलीज लिस्ट एवं प्लान्ड पैरेंडहुड और बड़े श्रमिक संघों ने भी उन्हें समर्थन दिया है। चेन्नई में जन्मी प्रमिला पांच वर्ष की आयु में भारत से बाहर गई थीं। वह इंडोनेशिया, सिंगापुर और अंतत: अमेरिकी गईं। प्रमिला ने कहा कि एशियाई एवं भारतीय पृष्ठभूमि के कारण कांग्रेस को एक अलग नजरिया मिलेगा।