वाशिंगटन: भारतीय मूल की अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों और आव्रजकों के प्रति उनके आचरण के विरोध में उनके ‘स्टेट ऑफ यूनियन’ संबोधन का बहिष्कार करने का ऐलान किया है। ‘स्टेट ऑफ यूनियन’ वह सालाना संबोधन है जो अमेरिकी राष्ट्रपति कांग्रेस के दोनों सदनों के संयुक्त सत्र में देते हैं। इसमें बजट, देश की आर्थिक रिपोर्ट, राष्ट्रपति का विधायी एजेंडा तथा राष्ट्रीय प्राथमिकताएं शामिल होती हैं। (भारत के इस राज्य से भी छोटा है इजरायल पर शक्ति में है कई गुना आगे )
52 वर्षीय प्रमिला अब कांग्रेस सदस्य जॉन लेविस, फ्रेडरिक विल्सन, मैक्जाइन वाटर्स तथा अर्ल ब्लूमेनुएर सहित उन आधा दर्जन से अधिक डेमोक्रेटिक सांसदों के समूह में शामिल हो गई हैं जो 30 जनवरी को ट्रंप के ‘स्टेट ऑफ यूनियन’ में शामिल नहीं होंगी। प्रमिला ने एक बयान में बताया ‘‘ मैं इस साल ‘स्टेट ऑफ यूनियन ’’ में शामिल नहीं होउंगी। मैं उन लोगों में से हूं जो ऐसे राष्ट्रपति को महिमा मंडित नहीं करना चाहते जिन्होंने ओवल कार्यालय के मंच का उपयोग नस्लवाद, लिंगभेद तथा नफरत को बढ़ावा देने के लिए किया।’’
उन्होंने बयान में हैती तथा अन्य अफ्रीकी देशों की ट्रंप द्वारा हाल ही में कथित आपत्तिजनक शब्दों में निंदा किए जाने का भी जिक्र किया। प्रमिला के अनुसार, वह ट्रंप की ‘संकीर्ण तथा आत्म केंद्रित’ सोच से सहमत नहीं हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ने लगातार संकेत दिया है कि एकजुट देश की अगुवाई करने में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है। वह अपने छोटे और कम होते मतदाता आधार को बढ़ाने के लिए ऐसी भाषा का इस्तेमाल करते हैं जो अपने ही देश के लोगों के सामने और दुनिया भर में देश की गरिमा पर आघात करती है। प्रमिला ने कहा ‘‘उनका रास्ता खतरनाक और विनाशकारी है। उनका रास्ता सामान्य नहीं हो सकता और मैं उसे सामान्य भी नहीं करूंगी। यह अहिंसक विरोध करने का हमारा अपना तरीका है।’’