न्यूयॉर्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 महामारी की वजह से अर्थव्यवस्था पर पड़े प्रभावों के समाधान पर बल देते हुए बुधवार को वैश्विक समुदाय से टीकों के प्रमाणपत्र को पारस्परिक मान्यता देकर अंतरराष्ट्रीय यात्रा को आसान बनाने की अपील की। कोविड-19 पर आयोजित एक वैश्विक सम्मेलन को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत टीकों के उत्पादन की वर्तमान क्षमता को बढ़ा रहा है और इसके बाद वह अन्य देशों को टीकों की आपूर्ति बहाल करेगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए कच्चे माल की आपूर्ति श्रृंखला को खुला रखे जाने की आवश्यकता है। पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया के अधिकांश हिस्सों में अभी भी टीकाकरण होना बाकी है, इसलिए राष्ट्रपति बाइडेन की यह पहल सामयिक और स्वागत योग्य है।
‘20 करोड़ से ज्यादा भारतीयों का पूर्ण टीकाकरण’
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने हमेशा से मानवता को एक परिवार के रूप में देखा है और देश के दवा उद्योग ने किफायती नैदानिक उपकरण, दवाइयां, चिकित्सकीय उपकरण और पीपीई किट का उत्पादन किया है। इससे कई विकासशील देशों को सस्ते विकल्प भी मिले हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, 'आज भारत में विश्व का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान जारी है। हाल ही में, हमने एक दिन में लगभग 2.5 करोड़ लोगों को टीका लगाया। अब तक भारत में 80 करोड़ खुराक दी जा चुकी है और 20 करोड़ से अधिक लोगों का पूरी तरह टीकाकरण हो चुका है।'
‘मौजूदा टीकों की उत्पादन क्षमता भी बढ़ा रहे’
पीएम मोदी ने कहा, 'जैसे-जैसे नए भारतीय टीके विकसित होते हैं, हम मौजूदा टीकों की उत्पादन क्षमता भी बढ़ा रहे हैं। जैसे-जैसे हमारा उत्पादन बढ़ता है, हम दूसरों को भी वैक्सीन की आपूर्ति फिर से शुरू करने में सक्षम होंगे। इसके लिए कच्चे माल की सप्लाई चेन को खुला रखना होगा। हमने 150 से अधिक देशों के साथ दवाएं और चिकित्सा आपूर्ति साझा की है। 2 स्वदेशी रूप से विकसित टीकों को भारत में आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिली है, जिनमें दुनिया का पहला डीएनए आधारित टीका भी शामिल है। कई भारतीय कंपनियों को विभिन्न टीकों के उत्पादन का लाइसेंस मिला है।' पीएम ने कहा कि टीका प्रमाणपत्रों की परस्पर मान्यता के जरिए अंतरराष्ट्रीय यात्रा को आसान बनाया जाना चाहिए।
दुनिया के देशों को पीएम मोदी ने किया धन्यवाद
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस साल की शुरुआत में भारत ने 95 अन्य देशों और संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षकों को टीके की खुराक उपलब्ध कराये। कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान भारत को विश्व के अन्य देशों की ओर से की गई मदद के लिए उन्हें धन्यवाद देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा,‘जब हम दूसरी लहर के दौरान मुश्किल दौर से गुजर रहे थे तो एक परिवार की तरह दुनिया भारत के साथ खड़ी रही।’