वॉशिंगटन: अमेरिका के एक पूर्व शीर्ष राजनयिक ने कहा है कि दावोस में विश्व आर्थिक मंच (WEF) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भागीदारी वैश्विक मंच पर भारतीय महत्वाकांक्षा को झलकाती है। यह 18 साल में पहली बार है जब कोई भारतीय प्रधानमंत्री प्रतिष्ठित WEF बैठक में शामिल हो रहे हैं। इस सप्ताह व्हाइट हाउस ने भी घोषणा की थी कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी विश्व के आर्थिक नेताओं के साथ बैठक में शामिल होंगे।
विदेश संबंध परिषद की सीनियर फेलो और आने वाली पुस्तक ‘अवर टाइम हैज कम: हाउ इंडिया इज मेकिंग इट्स प्लेस’ की लेखिका एलिसा आयरेस ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा, ‘मेरे लिए यह वैश्विक मंच पर भारतीय महत्वाकांक्षाओं की झलक देता है। पिछले ‘विश्व आर्थिक मंचों’ में भारत की ओर से कैबिनेट मंत्रियों की अध्यक्षता में बड़े प्रतिनिधिमंडलों ने प्रतिनिधित्व किया है लेकिन यह साल थोड़ा अलग रहने वाला है।’
‘एशिया ब्रीफिंग: इंडिया 2018’ विषय पर चर्चा में भाग लेते हुए एलिसा ने कहा कि उनका अनुमान है कि पिछले साल चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की उपस्थिति एक वजह हो सकती है जिससे भारत ने यह फैसला किया कि इस साल इस सम्मेलन में सरकार के प्रमुख को भेजा जाए। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर आप देख सकते हैं कि भारत ज्यादा सक्रिय तरीके से कदम बढा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी 22 जनवरी को स्विट्जरलैंड के दो दिवसीय दौरे पर जाएंगे जहां वह WEF के पूर्ण सत्र को संबोधित करेंगे।