वॉशिंगटन: व्हाइट हाउस में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के प्रेसिडेंट जो बायडेन के बीच मुलाकात करीब 90 मिनट तक चली। इससे पहले व्हाइट हाउस पहुंचने पर जो बायडेन ने बड़े गर्मजोशी से प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया। नरेन्द्र मोदी की मीटिंग ने साबित कर दिया कि चाहे अफगानिस्तान का सवाल हो या चीन का इस पूरे सब कॉन्टिंनेंट में भारत का डोमिनेशन है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बायडेन से मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत और अमेरिका के संबंधों में व्यापार महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। महात्मा गांधी का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने ट्रस्टीशिप को लेकर उनकी अवधारणाओं को जिक्र किया और कहा कि आज यह दुनियाभर में समय की मांग है।
बायडेन से मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने कहा, "ये दशक उस ट्रस्टीशिप के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है, महात्मा गांधी हमेशा इस बात की वकालत करते थे कि इस प्लेनेट के हम ट्रस्टी हैं। ये ट्रस्टीशिप की भावना भी भारत और अमेरिका के बीच के संबंधों में बहुत अहमियत रखेगी।" मीटिंग के दौरान पीएम मोदी ने कहा, "मैं देख रहा हूं कि इस दशक में आपके नेतृत्व में हम जो बीज बोएंगे वो भारत-अमेरिका के साथ-साथ पूरे विश्व के लोकतांत्रिक देशों के लिए बहुत ही ट्रांसफॉर्मेटरी रहेगा।"
वहीं बायडेन ने उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस की मां का जिक्र करते हुए कहा कि वह भारत से थीं। उप-राष्ट्रपति की मां जानी-मानी वैज्ञानिक भी थीं। बायडेन ने आगे कहा कि आज के समय में शांति, शहनशीलता के मूल्यों की जरूरत है। हमारी साझेदारी पहले से और ज्यादा बढ़ रही है। इससे पहले उन्होंने ने अमेरिकी राष्ट्रपति को स्वागत करने के लिए धन्यवाद दिया।
उन्होंने कहा, "मेरा और मेरे प्रतिनिधिमंडल के गर्मजोशी से स्वागत करने के लिए मैं आपको धन्यवाद देता हूं। पहले भी हमें चर्चा करने का अवसर मिला था और आपने भारत-अमेरिका द्विपक्षीय संबंधों के लिए अपना दृष्टिकोण रखा था। आज आप हमारे संबंधों के अपने विजन को लागू करने के लिए पहल कर रहे हैं।" बायडेन ने पीएम मोदी का स्वागत करते हुए यह कहा कि जब मैं उपराष्ट्रपति था तब इस कुर्सी पर बैठा करता था। अब मैं राष्ट्रपति बन गया हूं, अब आप मेरी कुर्सी पर बैठिए। इस बात पर वहां मौजूद सभी लोग हंस-हंस कर लोटपोट होने लगे।
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