नई दिल्ली: पांच महीने से ज्यादा समय तक तक बंद रहने के बाद शनिवार से कश्मीर घाटी में पोस्टपेड के साथ ही प्रीपेड फोन पर 2जी मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बहाल कर दी गईं। हालांकि, जम्मू कश्मीर प्रशासन द्वारा मंजूर 301 वेबसाइटों तक ही लोगों की पहुंच हो सकेगी। मोदी सरकार के इस कदम पर दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों की अमेरिका की वरिष्ठ राजनयिक एलिस वेल्स ने खुशी जाहिर की है।
वेल्स ने कहा, 'कश्मीर में इंटरनेट सेवा की आंशिक बहाली जैसे प्रगतिशील कदम से मैं खुश हूं। हम लगातार सरकार से अनुरोध करेंगे कि वो हमारे राजनयिकों को नियमित पहुंच की अनुमति दें और बिना किसी आरोप के हिरासत में लिए गए नेताओं को रिहा करने के लिए तेजी से कदम बढ़ाएं।'
एलिस वेल्स ने आगे कहा, 'यात्राएं अक्सर ज्यादा सुनने और समझने का मौका देती हैं, खासतौर से भारत के नागरिकता कानून को लेकर, इस मुद्दे पर देश जबरदस्त तरीके से लोकतांत्रिक समीक्षा के दौर से गुजर रहा है, फिर चाहे वो विपक्ष के द्वारा सड़कों पर हो, मीडिया में हो या अदालत में।'
वेल्स ने हाल ही में 15 देशों के राजनयिकों के जम्मू-कश्मीर दौरे को महत्वपूर्ण बताया था। उन्होंने घाटी में इंटरनेट बैन और नेताओं की हिरासत पर चिंता व्यक्त की थी। दौरे को लेकर उन्होंने कहा था कि उन्हें यकीन है कि राजनयिकों के कश्मीर दौरे के बाद घाटी के हालात सामान्य होने की दिशा में आगे बढ़ेंगे।
जम्मू कश्मीर प्रशासन के गृह विभाग की एक अधिसूचना के मुताबिक मोबाइल फोन पर 2जी स्पीड के साथ इंटरनेट सुविधा 25 जनवरी से चालू हो जाएगी। सोशल मीडिया साइटों तक घाटी के लोगों की पहुंच नहीं होगी और तय वेबसाइटों तक ही उनकी पहुंच हो सकेगी। पोस्टपेड और प्रीपेड सिम कार्ड पर डेटा सुविधा उपलब्ध होगी। जिन साइटों को मंजूरी दी गयी है, उनमें सर्च इंजन और बैंकिंग, शिक्षा, समाचार, यात्रा, सुविधाएं और रोजगार से संबंधित हैं।
इससे पहले घाटी में प्रीपेड मोबाइल सेवा बहाल करने और जम्मू खंड में 2 जी मोबाइल डेटा सेवा शुरू करने का फैसला किया गया था। जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने के फैसले के साथ पांच अगस्त को घाटी में इंटरनेट और मोबाइल सेवाएं रोक दी गयी थीं।