![US President Donald Trump and Turkish President Recep Tayyip Erdogan | AP File](https://static.indiatv.in/khabar-global/images/new-lazy-big-min.jpg)
वॉशिंगटन: अमेरिका और तुर्की के रिश्ते बीते कुछ महीनों में खट्टे-मीठे रहे हैं। कभी लगता है कि दोनों देशों में रिश्ते पटरी पर आ गए हैं, तो कभी तलवारें खिंच जाती हैं। ताजा घटनाक्रम की बात करें तो पेंटागन के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि यदि तुर्की ‘रूसी मिसाइल रक्षा प्रणाली’ खरीदता है तो उसके गंभीर परिणाम होंगे। अधिकारी ने कहा कि तुर्की ऐसा करता है तो इसके नतीजे संयुक्त ‘एफ-35’ लड़ाकू कार्यक्रम के लिए विध्वंसकारी होंगे तथा नाटो के साथ उसके संबंधों पर भी असर पड़ेगा।
अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मामलों के लिए कार्यवाहक सहायक रक्षा मंत्री के व्हीलबारगर का कहना है कि रूसी मिसाइल रक्षा प्रणाली ‘S-400’ खरीदने की तुर्की की योजना पश्चिमी सहयोगियों के साथ काम करने की उसकी क्षमता को समाप्त करेगी साथ ही देश पर प्रतिबंध लगाने के लिए अमेरिका को मजबूर करेगी। व्हीलबारगर ने गुरुवार को यहां अटलांटिक काउंसिल में अपने संबोधन में कहा, ‘यह खरीद-फरोख्त न सिर्फ एफ-35 कार्यक्रम के लिए विध्वंसकारी होगी बल्कि यह नाटो के साथ तुर्की की अंतर-व्यवस्था को भी नुकसान पहुंचाएगी।’
उन्होंने कहा, ‘यह स्पष्ट है कि ‘एस-400’ रूसी प्रणाली हैं जो एफ-35 जैसे विमानों को गिराने के लिए तैयार की गई है। और यह कल्पना से परे है कि रूस उस समग्र अवसरों का लाभ नहीं उठाएगा।’ व्हीलबारगर ने कहा कि अमेरिका का मानना है कि तुर्की यह सौदा इस लिए कर रहा है ताकि सीरिया से लगी उसकी सीमा पर कुर्द विद्रोहियों के खिलाफ उसे रूस का सहयोग मिल सके। उन्होंने कहा कि ट्रंप प्रशासन अगर इस खरीद-फरोख्त के लिए तुर्की को दंड न भी देना चाहे लेकिन अंकारा के लिए सख्त रुख वाली कांग्रेस उसे ऐसा करने के लिए बाध्य करेगी।