वॉशिंगटन: एक प्रतिष्ठित हिंदू-अमेरिकी पैरोकार समूह ने गुरुवार को आरोप लगाया कि बांग्लादेश में 1971 के नरसंहार में पाकिस्तानी सेना की भूमिका का खुलासा करने वाली एक वेबसाइट हाल ही में शुरू करने के लिए पाकिस्तान ने उसे धमकी दी। ‘हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन’ (HAF) ने कहा कि उसे पाकिस्तान के दूरसंचार प्राधिकरण (PTA) के ‘वेब एनालिसिस डिवीजन’ से एक पत्र मिला है जिसमें उससे ‘बंगाली हिंदू जिनोसाइड’ नाम का वेब पेज ‘24 घंटों के अंदर’ हटाने को कहा गया है जिसमें तत्कालीन पश्चिमी पाकिस्तानी (अब आधुनिक पाकिस्तान) सेना के नरसंहार की जानकारियां हैं।
‘पाकिस्तान ने ब्लॉक की वेबसाइट’
HAF ने एक बयान में कहा कि पत्र में यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान सरकार HAF के इस वेब पेज को पाकिस्तान में ‘हटा या ब्लॉक’ कर देगी। करीब 10 महीने तक चले नरसंहार अभियान में 20-30 लाख लोग मारे गए थे, 2 से 4 लाख महिलाओं से बलात्कार किया गया और एक करोड़ से अधिक लोग विस्थापित हुए, जिनमें से ज्यादातर हिंदू थे। बहरहाल, HAF ने वेबसाइट बंद करने से इनकार कर दिया है। HAF की मानवाधिकार निदेशक दीपाली कुलकर्णी ने कहा, ‘पाकिस्तान सरकार की एक सम्मानित अमेरिकी गैर लाभकारी संगठन को धमकाने-डराने की कमजोर कोशिश उसके अमेरिकी विरोधी, हिंदू विरोधी कृत्यों का ताजा उदाहरण है।’ HAF ने कहा कि उसकी वेबसाइट को पाकिस्तान में ब्लॉक कर दिया गया है।
पीड़ितों में अधिकांश हिंदू थे
बता दें कि बांग्लादेश में यह नरसंहार 26 मार्च 1971 को ऑपरेशन सर्चलाइट के साथ शुरू हुआ था। इस ऑपरेशन के द्वारा बंगालियों के आत्मनिर्णय के अधिकार की मांग को दबाने के लिए तत्कालीन पश्चिमी पाकिस्तान ने पूर्वी पाकिस्तान पर सैनिक कार्रवाई शुरू कर दी। पाकिस्तानी सेना और जमात-ए-इस्लामी के कट्टर इस्लामी लड़ाकों ने हत्या और बलात्कार की घटनाओं को अंजाम दिया था। जमात-ए-इस्लामी के नेताओं ने गोषणा की थी की बंगाली महिलाएं 'सार्वजनिक सम्पत्ति' हैं। इस संघर्ष के कारण ८० लाख से १ करोड़ के बीच लोग बांग्लादेश से भागकर भारत की शरण में आ गए, जिनमें से अधिकांश हिंदू थे।