वाशिंगटन: अमेरिका के विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने आगाह किया है कि पाकिस्तान का राजनीतिक नेतृत्व अगर हक्कानी नेटवर्क और उसके यहां सुरक्षित पनाह रखने वाले अन्य आतंकी गुटों के साथ अपने रिश्तों में बदलाव की प्रक्रिया शुरू नहीं करता तो वह देश पर अपनी पकड़ खो देगा। टिलरसन की यह टिप्पणी ऐसे समय पर आई है जब ट्रंप प्रशासन पाकिस्तान से आतंकी संगठनों के खिलाफ और अधिक कार्रवाई करने को बार बार कह रहा है। वाशिंगटन में टिलरसन ने कहा ‘‘हम उनकी सीमाओं से आतंकवाद को खत्म करने के लिए पाकिस्तान के साथ काम करना चाहते हैं लेकिन पाकिस्तान को हक्कानी नेटवर्क तथा अन्य के साथ अपने रिश्ते बदलने की प्रक्रिया शुरू करनी होगी। ’’ (रिश्तों में आए तनावों को कम करने चीन दौरे पर पहुंचे दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति )
टिलरसन ने ‘‘मीटिंग द फॉरेन पॉलिसी चैलेंजेस ऑफ 2017 एंड बियॉन्ड’’ में कहा कि हक्कानी नेटवर्क के साथ पाकिस्तान के रिश्तों को बदलने की जरूरत है।’’ यह आयोजन 2017 अटलान्टिक काउंसिल कोरिया फाउंडेशन फोरम ने किया था। उन्होंने आगाह किया ‘‘मेरे विचार से यह ऐसा रिश्ता है जो उनके नजरिये से करीब एक दशक पहले अच्छे कारणों के लिए बना। लेकिन अब इसे बदलना चाहिए क्योंकि अगर वह ध्यान नहीं देते हैं तो पाकिस्तान अपने ही देश का नियंत्रण खो देगा।’’ विदेश मंत्री ने कहा कि अमेरिका सूचनाएं साझा करने का इच्छुक है लेकिन इसमें सफलता मिलनी चाहिए।
उन्होंने कहा ‘‘आतंकी संगठनों को पाकिस्तान में सुरक्षित पनाह की अनुमति के बीच हम यथास्थिति नहीं बने रहने दे सकते ।’’ टिलरसन ने कहा कि ट्रंप प्रशासन के बार बार चेतावनी देने के बाद भी आतंकी समूहों के खिलाफ पाकिस्तान के रवैये पर अधिक असर नहीं पड़ा है। करीब दो सप्ताह पहले ही व्हाइट हाउस ने पाकिस्तान को एक कड़ी चेतावनी जारी की थी और इस्लामाबाद से, वर्ष 2008 के मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद को फिर से गिरफ्तार करने को कहा था। टिलरसन ने अपने संबोधन में इसका कोई जिक्र नहीं किया।
टिलरसन ने कहा कि अमेरिका और पाकिस्तान के लंबे समय से अच्छे संबंध रहे हैं लेकिन पिछले दशक में इस संबंधों में गिरावट आई है। उन्होंने कहा ‘‘इसलिए हम पाकिस्तान से यह सुनिश्चित करने के लिए बातचीत कर रहे हैं कि उनसे हमारी अपेक्षाएं स्पष्ट हैं, हमारी चिंता पाकिस्तान की स्थिरता को लेकर है।’’ टिलरसन ने कहा ‘‘पाकिस्तान ने कई आतंकी संगठनों को अपने यहां सुरक्षित पनाह की अनुमति दी है और ये संगठन फल फूल रहे हैं। इस बीच, मैंने पाकिस्तान के नेतृत्व से कहा है कि आप निशाना हो सकते हैं। वे काबुल से अपना ध्यान हटा सकते हैं और यह तय कर सकते हैं कि बेहतर लक्ष्य के तौर पर उनकी पसंद इस्लामाबाद होगा।’’