Sunday, December 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. विदेश
  3. अमेरिका
  4. पाकिस्तान के अमेरिका और चीन से संबंध एक जैसे नहीं

पाकिस्तान के अमेरिका और चीन से संबंध एक जैसे नहीं

पाकिस्तान को सुरक्षा सहायता रोकने से चीन से उसकी करीबियां बढ़ जाएगी जैसे कयासों को कोई तवज्जो नहीं देते हुए अमेरिका ने कहा है कि दोनों देशों के साथ पाकिस्तान के संबंध भिन्न हैं।

Edited by: India TV News Desk
Published : January 05, 2018 12:24 IST
china-pakistan
china-pakistan

वाशिंगटन: पाकिस्तान को सुरक्षा सहायता रोकने से चीन से उसकी करीबियां बढ़ जाएगी जैसे कयासों को कोई तवज्जो नहीं देते हुए अमेरिका ने कहा है कि दोनों देशों के साथ पाकिस्तान के संबंध भिन्न हैं। विदेश विभाग के एक अधिकारी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मेरा मानना है कि वे (पाकिस्तान) दोनों देशों के साथ मजबूत संबंध बनाना चाहते हैं। लेकिन यह जरुरी नहीं कि जो अमेरिका से मिलेगा वहीं उन्हें चीन से मिलेगा।’’ अधिकारी ने कहा, ‘‘हमारे पास यह क्षमता नहीं है कि हम बैंकों और कंपनियों को पाकिस्तान में 55 अरब डॉलर निवेश करने के निर्देश दें। लेकिन साथ ही चीन के पास भी यह क्षमता नहीं है कि वह दुनिया को सर्वोच्च गुणवत्ता के सैन्य उपकरण मुहैया कराए।’’ अधिकारी इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि अमेरिका के हालिया कदम से पाकिस्तान की नजदीकियां चीन के साथ बढ़ेगी। उन्होंने कहा, ‘‘हमें पाकिस्तान और चीन के रिश्ते से कोई दिक्कत नहीं है। चीन ने काफी निवेश किया हुआ है तथा उसकी और निवेश करने की योजना है।’’ (अमेरिका ने किया 3 लोगों को वैश्विक आतंकवादी घोषित )

अधिकारी ने कहा, ‘‘पाकिस्तान को आर्थिक विकास और आर्थिक वृद्धि की जरुरत है। अगर चीन सक्षम है तो वह पाकिस्तान की स्थिरता, सुरक्षा तथा आर्थिक संपन्नता में योगदान देगा। यह ठीक है। यह अच्छी बात है।’’ उन्होंने पाकिस्तान और चीन के लंबे और बेहद मजबूत संबंधों का जिक्र करते हुए कहा कि ये संबंध अमेरिका पाक संबंध की कीमत पर नहीं बने हैं। विदेश विभाग के अधिकारी ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि पाकिस्तान स्पष्ट रूप से हमारे संबंध समझता है और हम अंतरराष्ट्रीय तौर पर क्या सामने रख रहे हैं वह चीन से अलग है। वे चीन और अमेरिका के बीच किसी एक को चुनना नहीं चाहेंगे तथा वह दोनों देशों के साथ मजबूत संबंध चाहते हैं।’’ हीथर ने कहा कि हम पाकिस्तान को सैन्य उपकरण या सुरक्षा संबंधी राशि तब तक मुहैया नहीं कराएंगे जब तक कि यह कानूनी तौर पर जरूरी नहीं हो।

ट्रंप द्वारा पिछले साल अगस्त में घोषित नई दक्षिण एशिया नीति का जिक्र करते हुए हीथर ने कहा कि इस प्रशासन के पाकिस्तान सरकार के साथ निरंतर उच्च स्तरीय संबंध होने के बावजूद तालिबान और हक्कानी नेटवर्क जैसे समूहों को पाकिस्तान में पनाह मिल रही है और वे अफगानिस्तान को अस्थिर करने और अमेरिका तथा उसके कर्मियों पर हमला करने की साजिश रच रहे हैं। रक्षा विभाग के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल माइक एंड्रयूज ने कहा कि ‘नेशनल डिफेंस ऑथराइजेशन एक्ट 2017’ सीएसएफ में पाकिस्तान को 90 करोड़ डॉलर तक की मदद मुहैया कराता है। इसमें से 40 करोड़ डॉलर तभी जारी किए जा सकते हैं जब रक्षा मंत्री जिम मैटिस इस बात की पुष्टि कर दें कि पाकिस्तान सरकार ने हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ उचित कदम उठाए हैं।

एंड्रयूज ने कहा, ‘‘इस स्तर पर वित्त वर्ष 2017 के सभी सीएसएफ पर रोक लगा दी गई जो कुल 90 करोड़ डॉलर की राशि है।’’ पेंटागन में पत्रकारों के साथ बातचीत के दौरान रक्षा मंत्री जिम मैटिस ने इस सवाल का कोई जवाब नहीं दिया कि क्या वे पाकिस्तान की सहायता राशि पर रोक लगाने से सहमत हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं अभी इस पर कुछ नहीं कहना चाहता क्योंकि इसे अभी एक नीति के तौर पर तैयार किया जा रहा है। लेकिन मैं राष्ट्रपति को इस पर अपनी राय दूंगा।’’ विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार वित्त वर्ष 2017 के लिए पाकिस्तान को 25 करोड़ 50 लाख डॉलर की मदद के संबंध में अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है।

इसके लिए अंतिम तारीख 30 सितंबर है। हीथर ने कहा कि पाकिस्तानी नेतृत्व को कड़ा संदेश देने के लिए मैटिस ने विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन के साथ हाल ही के महीनों में इस्लामाबाद की यात्रा की थी। इसलिए उनके लिए यह फैसला चौकानें वाला नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सहायता राशि पर अभी रोक लगाई गई है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि यह हमेशा के लिए है। हीथर ने कहा, ‘‘पाकिस्तान में यह काबलियत है कि वह भविष्य में यह राशि वापस हासिल कर ले लेकिन इसके लिए उसे निर्णायक कदम उठाने होंगे।’’

Latest World News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। US News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement