वॉशिंगटन: गिलगित बाल्टिस्तान से राजनीतिक कार्यकर्ता सेंगे सेरिंग ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव का उल्लंघन कर रहा है और उसने अवैध रूप से इलाके पर कब्जा करना जारी रखा है।
22 अक्टूबर 1947 को, पाकिस्तान सेना द्वारा समर्थन प्राप्त आदिवासी आतंकवादियों ने जम्मू और कश्मीर पर आक्रमण किया और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) और गिलगित-बाल्टिस्तान के रूप में इस क्षेत्र पर कब्जा कर लिया।
इस मामले को बाद में संयुक्त राष्ट्र में ले जाया गया, जहां पाकिस्तान को कब्जे वाले क्षेत्रों से अपनी सेना वापस लेने के लिए कहा गया था।इंस्टीट्यूट ऑफ गिलगिट बाल्टिस्तान स्टडीज के निदेशक सेंगे सेरिंग ने कहा कि पाकिस्तान एक कब्जा करने वाला मुल्क है। उसे जम्मू-कश्मीर में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है।
उन्होनें कहा कि यह स्पष्ट है कि जब अंतर्राष्ट्रीय कानूनों की बात आती है, तो पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों को कभी पूरा नहीं किया है या इसका सम्मान नहीं किया है और इसने इस प्रक्रिया को धीमा कर दिया है कि पीओके में गिलग-बाल्टिस्तान के लोगों को वही मौलिक संवैधानिक अधिकार दिए जा सकते हैं जो जम्मू-कश्मीरमें पिछले 70 वर्षों से है।