संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र महासभा में आतंकवाद के मुद्दे भारत द्वारा पाकिस्तान को करारा जवाब देने के बाद अब अफगानिस्तान ने भी उस पर हमला किया है। अफगानिस्तान ने शुक्रवार को पाकिस्तान पर आरोप लगाया कि वह अपने देश में विभिन्न आतंकी संगठनों और पनाहगाहों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करने की अपनी पुरानी असफलता से अंतर्राष्ट्रीय सुमदायों का ध्यान भटकाना चाहता है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन में कहा था कि तालिबान के पनाहगाह पाकिस्तान में नहीं बल्कि अफगानिस्तान में हैं।
जवाब देने के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए अफगानिस्तान ने कहा, ‘यह स्पष्ट है कि पड़ोसी देश पाकिस्तान में आंतकी गतिविधियों का प्रसार, अफगानिस्तान और क्षेत्र में असुरक्षा का मुख्य कारण है।’ महासभा में अफगानिस्तान के प्रतिनिधि ने कहा कि अफगानिस्तान में पनाहगाहों की मौजूदगी के संबंध में एक सदस्य देश का दावा गलत है। देश का प्रतिनिधित्व कर रहे अफगानिस्तान के एक राजनयिक ने कहा, ‘यह पाकिस्तान सरकार द्वारा किया गया एक समझा-बुझा प्रयास है ताकि वह अपने देश में मौजूद विभिन्न आतंकी संगठनों और पनाहगाहों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करने की अपनी पुरानी असफलता से अंतर्राष्ट्रीय सुमदाय का ध्यान भटका सके।’
उन्होंने कहा, ‘वैश्विक समुदायों के लिए यह हमेशा से साफ है कि पड़ोसी देश पाकिस्तान में सरकार द्वारा समर्थित और राज्येतर तत्वों की आतंकी गतिविधियों का प्रसार, अफगानिस्तान और इस क्षेत्र में असुरक्षा पैदा करने वाला प्रमुख स्रोत है। अफगानिस्तान ने द्विपक्षीय और अन्य तंत्रों समेत विभिन्न चैनल के मार्फत लगातार इस दीर्घलंबित मुद्दे का हल चाहा है। इसके बावजूद इस दिशा में किए गए प्रयासों का कोई परिणाम नहीं निकला है। इस मोड़ पर पाकिस्तान के पास एक और मौका है कि वह लंबे समय से अटके मुद्दों के समाधान के लिए एक व्यापक संवाद में शामिल हो जो उसे आतंक से निपटने और अफगानिस्तान एवं वृहत क्षेत्र में शांति और सुरक्षा स्थापित करने के रचनात्मक नजरिए को अपनाने के लिए एक स्पष्ट और निर्णायक कदम अपनाने से रोकते रहे हैं।’
उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान आगे कदम बढ़ाते हुए अपनी जनता की सुरक्षा और स्थिरता को सुनिश्चित करने के लिए हर संभव तरीके का इस्तेमाल करने के लिए तैयार है। अफगानिस्तान के बयान पर प्रतिक्रया देते हुए पाकिस्तान ने कहा कि अपनी समस्याओं और असफलताओं के लिए दूसरों को दोष देने के बजाए अफगानिस्तान को अपने अनियंत्रित क्षेत्रों में आतंकियों के लिए मौजूद पनाहगाहों को समाप्त करने पर ध्यान देना चाहिए।