वॉशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पाकिस्तान के साथ अपने देश के संबंधों को जितना बुरा बता रहे हैं, वस्तुस्थिति उससे बदतर रूप ले सकती है। अमेरिका के घातक ड्रोन हमलों, पाकिस्तान की धरती पर ओसामा बिन लादेन को मार गिराए जाने और पाकिस्तान पर आतंकियों को मदद करने के आरोपों को 16 साल से अधिक हो गए लेकिन दोनों देशों के ताल्लुकात इससे पहले कभी इतने खराब नहीं हुए। इसी क्रम में पाकिस्तान अपने पड़ोसी देश अफगानिस्तान के साथ हवाई मार्ग को बंद कर रहा है। यह ऐसी कार्रवाई है जिससे तालिबान के खिलाफ अमेरिका समर्थित सैन्य लड़ाई कमजोर पड़ सकती है। यह पाकिस्तान के अमेरिका के साथ युद्ध में उतरने जैसा भी हो सकता है।
पाकिस्तान में अमेरिका के राजदूत रह चुके रिचर्ड ओलसन ने कहा, ‘कुछ हलकों में इस तरह की बातें कही जा रही हैं कि सारी चीजें हमारे पक्ष में हैं। लेकिन ऐसा नहीं है। पाकिस्तान अधिक लाभ उठाने की स्थिति में है और तार्किक रूप से भी हमारे पक्ष से अधिक मजबूत है।’ दक्षिण एशिया में शीर्ष अमेरिकी राजनयिक एलिस वेल्स ने इस सप्ताह इस्लामाबाद के साथ बैठक की और इस कोशिश को दिखाया कि दोनों पक्ष संबंधों को टूटने से बचाना चाहते हैं।
उत्तरी पड़ोस में ना सिर्फ हिंसा को कम करने में पाकिस्तान के सहयोग की आवश्यकता है बल्कि दशकों के सघंर्ष के बाद अफगान तालिबान के साथ किसी भी राजनीतिक समाधान में भी उसकी भूमिका अहम होगी। रक्षा मंत्री जिम मैटिस ने कहा कि अमेरिका को नहीं लगता है कि पाकिस्तान आपूर्ति मार्गों को बंद कर देगा। एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने कहा कि अगर ऐसा होता भी है तो अमेरिका अन्य विकल्पों की तलाश कर रहा है। हालांकि उन्होंने अधिक विवरण नहीं दिया।