संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थाई सदस्यों की संख्या बढ़ाने को लेकर भारत और अन्य G-4 देशों की मांग से पाकिस्तान शायद बुरी तरह घबरा गया है। यही वजह है कि पाकिस्तान ने भारत और अन्य G-4 देशों की इस मांग की आलोचना की है। पाकिस्तान ने कहा है कि कुछ सदस्य देशों की ‘राष्ट्रीय आकांक्षाओं’ को बढ़ावा देने वाले प्रस्ताव विश्व संगठन के शक्तिशाली मंच की प्रतिनिधित्व प्रकृति को बेहतर नहीं बना सकते हैं। संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की राजदूत मलीहा लोधी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधारों के संबंध में अंतरसरकारी बातचीत के दौरान जी-4 का विरोध किया।
गौरतलब है कि भारत, ब्राजील, जर्मनी और जापान G-4 ग्रुप का हिस्सा हैं। जी-4 समूह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थाई और अस्थाई सदस्यों की संख्या में विस्तार की मांग कर रहा है ताकि वैश्विक संगठन के शक्तिशाली मंच में प्रतिनिधित्व बढ़ सके। जी-4 के चारों देश संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक-दूसरे की स्थाई सदस्यता का समर्थन करते हैं। जी-4 देशों के रुख की आलोचना करते हुए लोधी ने कहा कि पूरे क्षेत्र के प्रतिनिधित्व के लिए समेकित अफ्रीकी रुख के प्रति हमारे मन में कोई पूर्वाग्रह नहीं है।
लोधी ने कहा, ‘लेकिन हम यह समझ नहीं पा रहे हैं कि कैसे कुछ सदस्य राष्ट्रों की राष्ट्रीय आकांक्षाओं को बढ़ावा देने वाले प्रस्ताव सुरक्षा परिषद में प्रतिनिधित्व को बढ़ावा देंगे, जबकि जिस क्षेत्र की बात हो रही है उसने न तो उन्हें ऐसा करने का विशेषाधिकार दिया है और न ही उन्हें ऐसा कोई अधिकार प्राप्त है।’ संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थाई मिशन की ओर से जारी प्रेस रिलीज के मुताबिक, G-4 देशों ने सुरक्षा परिषद में कुल 10 (6 स्थाई और 4 अस्थाई) सदस्य संख्या बढ़ाने के अपने प्रस्ताव में कोई लचीलापन नहीं दिखाया है।