संयुक्त राष्ट्र: दुनिया में भारत के बढ़ते कद और सैन्य ताकत से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। पाकिस्तान ने अमेरिका और रूस समेत कई देशों द्वारा भारत को लगातार हथियार बेचे जाने के कदम पर हमला बोलते हुए उन्हें 'दोहरा मानक' अपनाने वाला बताया है। संयुक्त राष्ट्र स्थित पाकिस्तानी मिशन में प्रथम सचिव जहांजेब खान ने सोमवार को निरस्त्रीकरण से निपटने वाली महासभा की समिति में पारंपरिक हथियारों पर बहस के दौरान कहा, "संकीर्ण सामरिक, राजनीतिक और व्यावसायिक विचारों के आधार पर दक्षिण एशिया के लिए दोहरा मानक वाली नीति का त्याग किया जाना चाहिए।"
उन्होंने भारत या भारत को हथियार बेचने वाले देशों का नाम नहीं लिया, लेकिन उनके संदर्भ से स्पष्ट हो गया कि वह किसकी ओर निशाना साध रहे हैं। जहांजेब ने कहा कि दक्षिण एशिया में एक देश का सैन्य खर्च काफी हद तक दूसरे देशों से अधिक है और इसमें अस्थिरता को बढ़ावा देने और पहले से नाजुक क्षेत्रीय संतुलन को खतरे में डाल देने की क्षमता है, जो भारत के लिए एक स्पष्ट संदर्भ था।
उन्होंने कहा, "इस्लामाबाद विशेष रूप से अशांत क्षेत्रों में बढ़ते पारंपरिक हथियारों के हस्तांतरण से चिंतित है, जो शांति, सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने की अनिवार्यता से उलट है।" उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अपनी ओर से दक्षिण एशिया में रणनीतिक शांति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसमें पारंपरिक बल संतुलन का एक तत्व भी शामिल है।
उन्होंने इसके अलावा अमेरिका द्वारा पाकिस्तान के लिए सैन्य सहायता रोके जाने का भी जिक्र किया और कहा कि इस निर्णय ने उन्हें दुख पहुंचाया है।
पिछले माह पेंटागन ने कहा था कि पाकिस्तान को दी जाने वाली 30 करोड़ डॉलर की आर्थिक मदद रद्द की जा रही है, क्योंकि पाकिस्तान देश में हक्कानी नेटवर्क और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकवादी संगठनों खिलाफ कार्रवाई करने में नाकाम रहा है।