वाशिंगटन: ओसामा बिन लादेन कश्मीर में चल रही गतिविधियों और 2008 मुंबई हमला मामले में पाकिस्तान-अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमेन हेडली के खिलाफ चल रहे मुकदमे के घटनाक्रमों पर पैनी नजर रखता था। वर्ष 2011 में पाकिस्तान के एबटाबाद स्थित एक परिसर पर अमेरिकी कार्रवाई में अलकायदा संस्थापक को मार गिराए जाने के दौरान जब्त किये गए दस्तावेजों में उक्त बात कही गयी है। सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी (सीआईए) ने मई 2011 में जब्त की गयी फाइलों में से और 4,70,000 फाइलें कल सार्वजनिक कीं। अमेरिकी नौसेना की सील टीम ने एबटाबाद परिसर में घुसकर ओसामा को मार गिराया था। फाइलों में ओसामा के बेटे की शादी का वीडियो और सऊदी में जन्मे आतंकवादी की डायरियां शामिल हैं। (जल्द ही अमेरिका को निशाना बना सकता है उत्तर कोरिया, ये है वजह)
दस्तावेजों से खुलासा हुआ कि ओसामा लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े हेडली की गिरफ्तारी की खबरों पर करीबी नजर रखे हुए था और भारत के कुछ शीर्ष प्रकाशनों का नियमित पाठक था। एबटाबाद में ओसामा के कंप्यूटर से ‘इंडियन एक्सप्रेस’ का आलेख ‘उमर शेख्स पाक हैंडलर इलियास कश्मीरी ऑलसो हैंडल्ट हेडली’ मिला है। यह आलेख 16 नवंबर 2009 का है। ओसामा के कंप्यूटर पर एक अलग फाइल में श्रीलंका गार्जियन में प्रकाशित ‘फीयर ऑफ एयर बोर्न टेररिस्ट स्ट्राइक्स इन इंडिया, यूके’ आलेख भी मिला है। ‘प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया’ की नौ फरवरी 2010 की एक खबर ‘पाकिस्तान सरकार को अस्थिर करने के लिए तालिबान की मदद कर रहा अलकायदा 'गेट्स’ भी ओसामा के कंप्यूटर से मिली है।
उसके कंप्यूटर से हेडली और हरकत उल जिहाल अल इस्लामी (हूजी) तार के बीच सांकेतिक संवाद के बारे में एक और आलेख मिला। यह खबर 15 नवंबर 2009 की ‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ की है। ओसामा के कंप्यूटर से ‘प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया’ की एक रिपोर्ट ‘हेडली के बयान दर्ज करने के लिए भारत मजिस्ट्रेट को भेजेगा अमेरिका’ भी मिली है। दस्तावेजों से पता चला है कि लादेन कश्मीर और कई आतंकवादियों से जुड़ी खबरों में भी दिलचस्पी रखता था। फरवरी 2009 का एक आलेख ‘पाकिस्तानी कश्मीरी मिलिटेंट नाउ फाइटिंग नाटो फोर्सेस’ भी मिला है। सीआईए के निदेशक माइक पोमपेओ ने कहा कि जारी किये गए अलकायदा के पत्र, वीडियो, ऑडियो फाइलें और अन्य सामग्री से अमेरिकी लोगों को आतंकवादी संगठन के मंसूबे और तौर-तरीकों का पता चलेगा।