वॉशिंगटन: अमेरिकी स्वतंत्रता दिवस यानी एकजुटता और जश्न के दिन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वह भीतरी शत्रुओं, वामपंथियों, लुटेरों और आंदोलनकारियों, से देश के ‘मूल्यों को सुरक्षित’ रखेंगे। 4 जुलाई का उनका भाषण उनकी सियासी रैलियों की तरह ही उलाहनों से भरा और झगड़ने की मंशा से लैस था। इस अवसर पर ट्रंप ने पैराट्रूपर जवानों का प्रदर्शन देखा, कोरोना वायरस से लड़ रहे स्वास्थ्यकर्मियों तथा अन्य लोगों का अभिवादन किया और अपने आलोचकों तथा देश के इतिहास का कथित अपमान करने वालों को लताड़ा।
ट्रंप ने कहा, ‘हम कट्टर वामपंथियों, बागियों, आंदोलनकारियों, लुटेरों और ऐसे लोगों को हराने की दिशा में हैं जिन्हें यह अंदाजा ही नहीं है कि वे क्या कर रहे हैं। हम गुस्सैल भीड़ को प्रतिमाओं को गिराने की, हमारे इतिहास का सफाया करने की और बच्चों को सुनी-सुनाई बातों पर भरोसा कराने की इजाजत कभी नहीं देंगे। हम 1492 में शुरू हुए जीवन जीने के अमेरिकी तरीके को बचाएंगे, उसकी रक्षा करेंगे। यह तरीका तब आया था जब कोलंबस ने अमेरिका की खोज की थी।’ हालांकि इस दौरान उन्होंने वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण जान गंवाने वाले लोगों के बारे में कुछ नहीं कहा। अमेरिका में कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण करीब 1.3 लाख लोगों की मौत हुई है।
देशभर के अधिकारियों ने अमेरिकी जनता से स्वतंत्रता दिवस समारोह के अपने उत्साह को काबू में रखने और भीड़भाड़ में नहीं जाने का अनुरोध किया है क्योंकि देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं लेकिन इसके विपरीत ट्रंप ने लोगों को आतिशबाजी से लैस ‘विशेष शाम’ के लिए ललचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। हालांकि रात में एयर-शो तथा आतिशबाजी देखने के लिए जो भीड़ नेशनल मॉल में एकत्र हुई, वह पिछले साल के मुकाबले कम थी। अधिकतर लोगों ने मास्क पहन रखे थे और लोग भौतिक दूरी के नियम का पालन करते भी दिख रहे थे, जबकि ट्रंप के साउथ लॉन समारोह में लोगों ने मास्क नहीं पहन रखे थे और वे एक-दूसरे के करीब भी बैठे थे।
ट्रंप ने अपने विरोधियों पर हमला बोलने के लिए इस मौके को भी नहीं छोड़ा। प्रतिमाओं को गिराने वालों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘हमारा बीता कल बोझ नहीं है जिससे छुटकारा पाया जाए।’ व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जुड डीरे ने बताया कि साउथ लॉन के समारोह में ट्रंप के अतिथि चिकित्सक, नर्सें, कानून प्रवर्तन अधिकारी और सेना के लोग तथा प्रशासन के अधिकारी थे। उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम वैश्विक महामारी के दौर में ‘गजब का साहस और जीवंतता दिखाने वाले’ अग्रिम पंक्ति के कर्मियों तथा जनता को समर्पित था। (भाषा)