वाशिंगटन: अमेरिका के शीर्ष अधिकारियों ने आज कहा कि यरुशलम में अमेरिका का नया दूतावास खोलने को लेकर अरब देशों में नाराजगी के बावजूद वे इस्राइली - फलस्तीनी शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने पर कड़ी मेहनत कर रहे हैं। दूतावास खोलने की पूर्व संध्या पर विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा कि उन्हें दशकों से चल रहे संघर्ष को खत्म करने के प्रयासों में सफलता हासिल करने की उम्मीद है जबकि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बॉल्टन ने कहा कि इससे शांति प्रकिया ‘‘ आसान ’’ होनी चाहिए। (आतंकवाद से निपटने के लिए देशों को मानसिकता बदलते की आवश्यकता: ट्रंप )
तेल अवीव से दूतावास को यरुशलम स्थानांतरित करने का राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का फैसला अंतरराष्ट्रीय समुदाय में उस आम सहमति के अनुरूप नहीं है जिसके मुताबिक यरुशलम के दर्जे का फैसला इस्राइल और फलस्तीन के बीच द्वि - राष्ट्र शांति समझौते के तहत होना चाहिए। दूतावास खोलने के विरोध में सोमवार को गाजा पट्टी और इस्राइल के बीच सीमा पर हजारों फलस्तीनियों के एकत्रित होने की संभावना है। ट्रंप के इस फैसले के बाद से फलस्तीनी नेतृत्व ने उनकी टीम से बात करने से इनकार कर दिया है।
वाशिंगटन में फलस्तीनियन लिबरेशन ऑर्गेनाइजेशन के प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख हुसाम जमलत ने इसे ‘‘ रंगभेद ’’ की ओर एक और कदम बताया। अन्य अरब देशों की राजधानियों में फलस्तीनी लोग विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं। पोम्पिओ ने कहा कि वह इस बात से अवगत हैं कि आने वाले दिनों में क्षेत्र में अमेरिकी दूतावासों और नागरिकों की सुरक्षा पर खतरा पैदा हो सकता है।