वाशिंगटन: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने आज 9/11 आतंकी हमले की बरसी पर कहा कि अमेरिका को डराया नहीं जा सकता और उन्होंने इस मौके पर दुनिया के हर हिस्से में मौजूद आतंकवादियों की पनाहगाह के सफाये का प्रण लिया। 16 साल पहले आज ही के दिन अमेरिका में हुए अब तक के सबसे भयानक आतंकी हमले में करीब 3,000 लोग मारे गए थे। 11 सितंबर, 2001 को अलकायदा के आतंकियों ने न्यूयार्क के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर, पेंटागन और पेन्सिलवेनिया के शैंक्सविल के पास एक मैदान में विमान घुसा दिए थे जिससे इतनी बड़ी संख्या में लोग मारे गए। मृतकों में भारतीय भी शामिल थे। (म्यांमार से भागकर आए रोहिंग्या मुसलमानों को बांग्लादेश ने दी यह ‘बड़ी सौगात’)
ट्रम्प ने अमेरिकी राष्ट्रपति के तौर पर अपने पहले 9/11 स्मृति संबोधन में कहा, हम पर हमला करने वाले आतंकियों ने सोचा था कि वे हममें भय पैदा कर देंगे और हमारे मनोबल को कमजोर कर देंगे। राष्ट्रपति ने पेंटागन में अपने संबोधन के दौरान आतंकियों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा, अमेरिका को डराया नहीं जा सकता और जो ऐसा करने की कोशिश करेंगे, वे उन मिट चुके आतंकियों की फेहरिस्त में शामिल हो जाएंगे जिन्होंने हमारी हिम्मत को चुनौती देने का दुस्साहस किया।
उन्होंने कहा, हम सुनिश्चित कर रहे हैं कि उनके पास हमारे देश पर हमले करने के लिए फिर से कोई पनाहगाह ना हो। हम इन वहशी हत्यारों से साफ कर देना चाहते हैं कि ऐसी कोई अंधेरी जगह नहीं है जो हमारी पहुंच से बाहर हो, कोई पनाहगाह नहीं है जो हमारी पहुंच से बाहर हो और इस विशाल दुनिया में ऐसी कोई जगह नहीं है जहां वे छिप सकें।