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ओबामा ने ईरान परमाणु समझौते पर ट्रंप को दी चेतावनी

वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ईरान के साथ परमाणु समझौते की पहली वर्षगांठ पर इस करार की महत्ता एवं ठोस परिणामों पर जोर दिया और चेताया कि विश्व की बड़ी शक्तियों के समर्थन

India TV News Desk
Published on: January 17, 2017 16:14 IST
obama warned donald trump for iran nuclear deal- India TV Hindi
obama warned donald trump for iran nuclear deal

वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ईरान के साथ परमाणु समझौते की पहली वर्षगांठ पर इस करार की महत्ता एवं ठोस परिणामों पर जोर दिया और चेताया कि विश्व की बड़ी शक्तियों के समर्थन वाले इस समझौते को रद्द नहीं किया जाए। ओबामा ने अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर स्पष्ट रूप से इशारा करते हुए कल कहा, अमेरिका को यह याद रखना चाहिए कि यह समझौता वर्षों के कार्य का परिणाम है और यह केवल अमेरिका एवं ईरान ही नहीं, बल्कि विश्व की बड़ी शक्तियों के बीच समझौते का प्रतिनिधित्व करता है।

उन्होंने कहा कि इस समझौते से अमेरिका एवं विश्व को एक सुरक्षित स्थान बनाने के लिए महत्वपूर्ण, ठोस परिणाम मिले हैं और यह ईरान को परमाणु हथियार प्राप्त करने से पुष्ट तरीके से रोकता है। ओबामा ने कहा कि इस प्रकार का कूटनीतिक समाधान एक अनियंत्रित ईरानी परमाणु कार्यक्रम या पश्चिम एशिया में एक अन्य युद्ध की स्थिति में कहीं अधिक बेहतर है। ट्रंप ने परमाणु समझौते की अक्सर निंदा की है और उन्होंने जर्मनी के बिल्ड समाचार पत्र एवं टाइम्स ऑफ लंदन को रविवार को दिए साक्षात्कार में भी कहा था, मैं ईरान समझौते से खुश नहीं हूं। मुझे लगता है कि यह अब तक के सबसे खराब समझौतों में से एक है। लेकिन उन्होंने इस बात पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि वह समझौते पर फिर से वार्ता करना चाहते हैं या नहीं जबकि उन्होंने राष्ट्रपति पद के लिए अपने चुनाव प्रचार अभियान में लगातार इस बात पर जोर दिया था।

ओबामा ने कल कहा कि हिंसक छद्म युद्धों और आतंकी समूहों को समर्थन देने की ईरान की अन्य गतिविधियों पर अमेरिकी चिंताओं के बावजूद तेहरान अपने वादे पूरे कर रहा है और कूटनीति की सफलता दिखा रहा है। उन्होंने कहा कि ईरान ने अपने यूरेनियम भंडार में 98 प्रतिशत की कमी की है। ओबामा ने कहा, इसपर कोई सवाल ही नहीं है। हालांकि यदि ईरान परमाणु हथियार बनाने के कगार पर पहुंच गया तो उसको लेकर हमारे सामने पेश आने वाली चुनौतियां अधिक गंभीर हो जाएंगी।

ईरान संधि में मदद करने वाले विदेश मंत्री जॉन कैरी ने कहा कि ईरान समझौते ने एक भी गोली चलाए बिना या एक भी सैनिक को युद्ध में भेजे बिना एक बड़े परमाणु खतरे को हल कर दिया है। उन्होंने कहा, इसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने सर्वसम्मति से समर्थन दिया था और इसे दुनियाभर के 100 से ज्यादा दोस्तों का समर्थन मिला था। ईरान और परमाणु संधि के प्रति ट्रंप की तीखी आलोचना को देखते हुए यह बात अस्पष्ट है कि पदभार संभालने पर वह क्या नीति अपनाएंगे। ट्रंप के मंत्रिमंडल के शीर्ष पदों में से एक के लिए नामित सेवानिवृत्त मरीन जनरल जेम्स मेटिस ने पिछले सप्ताह कहा कि यदि रक्षा मंत्री के पद पर उनके नाम को मंजूरी मिल जाती है तो वह परमाणु संधि का समर्थन करेंगे।

अपने नाम की पुष्टि संबंधी सुनवाई में उन्होंने कहा था, जब अमेरिका कोई वादा करता है तो हमें उसे निभाना होता है और अपने सहयोगियों के साथ काम करना होता है। जुलाई 2015 में हुए इस समझौते पर ईरान और छह बड़े शक्तिशाली देशों-अमेरिका, चीन, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी ने हस्ताक्षर किए थे। इसके बाद ईरान पर ठीक एक साल पहले लगाए गए अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों को हटा लिया गया था।

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